Mi 17 को गिराना बड़ी चूक, दो अधिकारियों पर की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई: वायुसेना प्रमुख

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[email protected] । Oct 4 2019 5:16PM

जांच में पाया गया कि ग्राउंड स्टाफ और हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के बीच संचार एवं समन्वय में “काफी अंतर’’ था। इसमें मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन की भी जानकारी मिली। इससे पहले सैन्य सूत्रों ने कहा था कि जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर में लगी आईएफएफ प्रणाली बंद थी।

नयी दिल्ली। वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 27 फरवरी को कश्मीर में भारतीय वायुसेना के अपने ही हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने को शुक्रवार को एक “बड़ी चूक” करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर बालाकोट में हवाई हमला किये जाने के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कश्मीर में 27 फरवरी को हमला किया। इस दौरान दोनों देशों की वायुसेना के बीच हवाई संघर्ष हुआ था।भारतीय वायु सेना की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने कश्मीर घाटी के बडगाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर मार गिराया था जिससे उसमें सवार वायुसेना के छह कर्मी और जमीन पर एक आम नागरिक की मौत हो गई थी। सोमवार को वायुसेना के प्रमुख के तौर पर पदभार संभालने वाले भदौरिया ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घटना में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया था जिसने अपनी जांच पूरी कर ली है और यह सामने आया है कि हेलीकॉप्टर वायुसेना की अपनी ही मिसाइल की चपेट में आ गया था।

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उन्होंने आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस से पहले कहा, “यह सामने आया है कि हेलीकॉप्टर हमारी ही मिसाइल का निशाना बन गया था। हम पहले ही प्रशासनात्मक कार्रवाई कर चुके हैं। दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। हम मानते हैं कि यह बड़ी गलती थी और ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।” संवाददाता सम्मेलन से पहले भारतीय वायुसेना ने बालाकोट हवाई हमले के प्रतीकात्मक वीडियो क्लिप दिखाए। वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार चार अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनात्मक कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है। इसके अलावा दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल जैसी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। 

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जांच में पाया गया कि ग्राउंड स्टाफ और हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के बीच संचार एवं समन्वय में “काफी अंतर’’ था। इसमें मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन की भी जानकारी मिली। इससे पहले सैन्य सूत्रों ने कहा था कि जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर में लगी आईएफएफ प्रणाली बंद थी। यह हेलीकॉप्टर बडगाम में 27 फरवरी को सुबह 10 बजे के करीब दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जब भारतीय और पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के बीच नौशेरा में हवाई संघर्ष हो रहा था।  आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि श्रीनगर में हवाई संघर्ष के चलते इस हेलीकॉप्टर को लौटने को कहा गया था। इस हेलीकॉप्टर पर एक मिसाइल दागी गई क्योंकि वायुसेना के ग्राउंड स्टाफ ने सोचा कि यह दुश्मन का हेलीकॉप्टर है। 

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उड़ान भरने के करीब दस मिनट बाद ही यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना मुख्यालय ने एअर कोमोडोर रैंक के अधिकारी की निगरानी में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए थे। मई की शुरुआत में भारतीय वायुसेना ने श्रीनगर के एअर कमांडिंग ऑफिसर (एओसी) का तबादला कर दिया था ताकि घटना की विस्तृत जांच हो सके। सूत्रों ने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में कई लोगों की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इनमें वायु रक्षा प्रणाली का उस वक्त नियंत्रण देख रहे लोग भी शामिल हैं जब हेलीकॉप्टर मिसाइल की जद में आ गया था।

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