क्या ओबीसी होने के कारण राकेश सिंह को दी गई है मध्यप्रदेश की कमान?

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रेनू तिवारी । Sep 6 2018 5:36PM

देश में 5 राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और अब तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने है जिसमे मध्यप्रदेश मुख्य हैं क्योंकि ये राज्य बीजेपी का गढ़ माना जाता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 15 सालों से मध्य प्रदेश की कमान संभाले हुए हैं।

देश में 5 राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और अब तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने है जिसमे मध्यप्रदेश मुख्य हैं क्योंकि ये राज्य बीजेपी का गढ़ माना जाता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 15 सालों से मध्य प्रदेश की कमान संभाले हुए हैं। इस दृष्टि से 5 राज्यों के चुनाव में मध्यप्रदेश केंद्र है। इस चुनावी हलचल के दौरान बीजेपी आला कमान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में कुछ परिवर्तन किये थे और भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को उनके पद से हटा कर इस बार मध्यप्रदेश की कमान बीजेपी के कद्दावर नेता, सांसद राकेश सिंह को सौंपी गई। 

राकेश सिंह भारत की सोलहवीं लोक सभा में मध्य प्रदेश के जबलपुर से निर्वाचित सांसद हैं। राकेश सिंह का जन्म 4 जून 1962 में जबलपुर में हुआ। राकेश सिंह के पिता का नाम स्‍वर्गीय ठाकुर सुरेन्‍द्र सिंह और माता का नाम श्रीमती गोमती देवी है। राकेश सिंह ने 5 दिसंबर 1993 को श्रीमती माला सिंह से शादी की और सांसद राकेश सिंह की दो बेटियां हैं। 

राकेश सिंह ने बी.एससी. गवर्नमैन्‍ट मॉडल साईंस कॉलेज, जबलपुर से पढ़ाई की है। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने भाजपा नेता प्रह्लाद पटेल के साथ जबलपुर के देहाती इलाकों में पार्टी का काम काम शुरू किया। यहीं से राकेश का राजनैतिक अन्नप्राशन हुआ। 2000 में वह जबलपुर भाजपा के जिलाध्यक्ष बने थे, इसके बाद अपनी काबिलियत के आधार पर पार्टी में जगह बनाते गए। 2004 में भाजपा ने उन्हें जबलपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया। इस चुनाव में शानदार जीत हासिल कर संसद पहुंचे राकेश सिंह ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2009 और फिर 2014 में जबलपुर से सांसद चुने गए राकेश सिंह संसद की कई महत्वपूर्ण कमेटियों के सदस्य रहे जैसे सदस्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति, पर्यटन मंत्रालय, पर्यटन तथा संस्‍कृति संबंधी स्‍थायी समिति के सदस्य। दो बेटियों के पिता राकेश सिंह कुशल संगठनकर्ता और चुनाव कैंपेनर माने जाते हैं।

2004 से लगातार जबलपुर से चुनाव जीत रहे हैं। जबलपुर में भाजपा अध्यक्ष (ग्रामीण) रहते हुए राकेश सिंह ने जल संरक्षण आंदोलन चलाया यह एक विशाल जागरूकता अभियान था जिसमें उन्‍होंने 15 दिन तक पदयात्रा कर 250 से भी अधिक ग्रामों का दौरा किया। जल संरक्षण अभियान के अंतर्गत 180 किलोमीटर से भी अधिक पदयात्रा की। अपेक्षित धन देकर स्‍टाप बांध के निर्माण को प्रोत्‍साहित किया। शहरी क्षेत्रों में भी जल संरक्षण स्‍कीमों के बारे में जागरूकता पैदा की। उन्होंने ‘गांव चलो – घर चलो’ कैंपेन भी चलाया था जिसे पार्टी ने देशभर में लागू किया था। लोकसभा में चीफ व्हिप होने के अलावा राकेश सिंह ने किसी बड़े पद पर काम नहीं किया है। लेकिन वो विवादों से हमेशा दूर रहे हैं। विवादों से दूरी ने उन्हें अमित शाह के करीब भी किया है।

अब अगर मध्यप्रदेश के चुनाव की बात की जाये तो राकेश सिंह को कमान सौपने का एक कारण और है मध्यप्रदेश में ओबीसी वोट लगभग 51 फीसदी है।  और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद भी ओबीसी केटेगरी से आते हैं। अब प्रदेश भाजपा पार्टी अध्यक्ष भी ओबीसी से हो गए हैं। राकेश सिंहो कुर्मी समाज से आते हैं जिसे राज्य में ओबीसी श्रेणी में रखा गया है। ओबीसी होना राकेश के पक्ष में ही गया है।

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