DUSU चुनाव: अध्यक्ष सहित तीन पदों पर ABVP काबिज, NSUI एक सीट पर विजयी

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[email protected] । Sep 13 2019 9:07PM

पिछले वर्ष के चुनाव में 44.46 फीसदी वोट पड़े। डूसू में चार पदों के लिए चुनाव ईवीएम में खराबी के आरोपों के बीच संपन्न हुए। चार महिलाओं सहित 16 उम्मीदवार मैदान में थे और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे।

नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव में आरएसएस से जुड़े एबीवीपी ने शुक्रवार को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई को सचिव पद पर जीत मिली। चुनाव परिणाम आते ही किंग्सवे कैम्प स्थित मतगणना केंद्र के बाहर जश्न शुरू हो गया। समर्थकों ने ‘ढोल’ की थाप पर नृत्य किया तथा विजेता उम्मीदवारों पर गुलाब की पंखुडियां बरसाईं। इसके बाद माला पहने विजेताओं ने विश्वविद्यालय के कला संकाय की तरफ कूच किया जहां से विजयी जुलूस निकाला जाएगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अक्षित दहिया ने अध्यक्ष पद के लिए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की चेतना त्यागी को 19 हजार मतों से पराजित किया, जो अब तक सर्वाधिक मतों के अंतर से जीत है।

एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक मोनिका चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 19 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए हैं जो हाल के समय में जीत का सर्वाधिक अंतर है। हम तीन सीटों पर विजयी रहे। हम महिलाओं को सशक्त करने के लिए‘मिशन साहसी’ चलाना चाहते हैं।’’ 2014 में एबीवीपी के आशीष माथुर संयुक्त सचिव पद पर 11,800 वोटों के अंतर से जीते थे। एबीवीपी के प्रदीप तंवर और शिवांगी खरवाल उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर क्रमश: 8574 और 2914 वोटों से विजयी रहे। एनएसयूआई ने सचिव पद पर जीत हासिल की और इसके उम्मीदवार आशीष लांबा ने एबीवीपी के योगित राठी को 2053 वोटों से हराया। एनएसयूआई के अक्षय लाकड़ा ने कहा, ‘‘एबीवीपी ने योगी राठी को मैदान में उतारा था जो 2017 में हिंसा होने के समय रामजस कॉलेज के अध्यक्ष थे। छात्रों ने हिंसा के खिलाफ स्पष्ट जनादेश दिया है।’’

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डूसू चुनावों में बृहस्पतिवार को 39.90 फीसदी वोट पड़े जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब चार फीसदी कम थे। पिछले वर्ष के चुनाव में 44.46 फीसदी वोट पड़े। डूसू में चार पदों के लिए चुनाव ईवीएम में खराबी के आरोपों के बीच संपन्न हुए। चार महिलाओं सहित 16 उम्मीदवार मैदान में थे और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे। वाम दलों के समर्थन वाले ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) ने अपने मत प्रतिशत में सुधार पर खुशी जताई है। आईसा के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार चेतना को 10 हजार से अधिक वोट मिले। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पार्टी के वोट प्रतिशत में सुधार हुआ है। हम इसे लेकर खुश हैं।’’

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