ईडी ने एनडीटीवी के खिलाफ जांच शुरू की: अधिकारी

ED Initiates Money Laundering Probe Against NDTV
[email protected] । Jul 28 2017 11:00AM

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अतीत में विदेश से मिले धन के संबंध में टीवी चैनल एनडीटीवी के खिलाफ धन शोधन जांच शुरू की है। ईडी के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अतीत में विदेश से मिले धन के संबंध में टीवी चैनल एनडीटीवी के खिलाफ धन शोधन जांच शुरू की है। ईडी के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत यह जांच शुरू की गई है। यह फर्म को ‘विदेशी फंडिंग’ से जुड़े लेनदेन के संबंध में ईडी की जांच से जुड़ा मामला है। एजेंसी द्वारा जांच किये जा रहे आरोपों के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी क्योंकि अधिकारी ने कहा कि मामला विचाराधीन है।

इस बीच, एनडीटीवी ने बीते 24 घंटे में केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा उसे ‘‘बड़े पैमाने पर धमकाने’’ का आरोप लगाया है। उसने कहा कि तीन केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग एनडीटीवी पर एक लेनदेन को लेकर हमला कर रहे हैं जिसमें जीई, अमेरिका ने एनडीटीवी में 15 करोड़ डालर का निवेश किया जो कि पूरी तरह से वैध और आधिकारिक रूप से घोषित निवेश है जिसे वे ‘‘छद्म लेनदेन’’ कह रहे हैं।

एनडीटीवी ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि भारत और पूरा विश्व यह सब देख रहा है जिसमें निष्पक्ष मीडिया को निशाना बनाया जा रहा हैं। इससे भारत की फलते-फूलते और स्वतंत्र मीडिया वाले लोकतंत्र की छवि को अपूर्णीय क्षति होगी। चैनल ने बयान में कहा है कि विशेषतौर से आयकर विभाग द्वारा 429 करोड़ रुपये की मांग करना चौंकाने वाला है। विभाग द्वारा गुरुवार को भेजा गया पत्र कहता है कि एनडीटीवी को ‘तत्काल’ इस राशि का भुगतान करना है। बयान में कहा गया है कि ‘‘बिना नोटिस अवधि के तुरंत भुगतान’’ की मांग अब तक नहीं सुनी गई थी और इसके पीछे आयकर विभाग का गलत इरादा जान पड़ता है। चैनल ने कहा कि एनडीटीवी ऐसी एकतरफा और अवैध कार्रवाई के आगे नहीं झुकेगा और इस मामले में उचित कदम उठायेगा।

एनडीटीवी ने सीबीआई पर भी आरोप लगाये हैं। उसने कहा है कि सीबीआई ने एनडीटीवी और उसकी अनुषंगियों को पत्र भेजकर दस्तावेज मांगे हैं। इसके लिये किसी तिथि विशेष का उल्लेख नहीं किया गया। एनडीटीवी ने दो सप्ताह पहले ही 500 से अधिक दस्तावेज भेजे हैं उसके बावजूद यह मांग की गईहै। ‘‘आश्चर्य तो इस बात का है कि सीबीआई ने दस्तावेज मिलने की प्राप्ति सूचना भी नहीं भेजी है।’’

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