भारत में ‘अमानवीय’ धर्म लाने के प्रयास किए जा रहे हैं: ममता
उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कोलकाता में कश्मीरी मेडिकल छात्रों को मिली धमकियों की भी आलोचना की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे देश को बांटने के कदम के विरोध में अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि देश में विभाजनकारी राजनीति के आधार पर ‘‘अमानवीय’’ धर्म लाने का प्रयास किया जा रहा है। बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘‘वे अपनी आस्था के आधार पर अमानवीय धर्म बनाने की कोशिश कर रहे है। वे यह फैसला करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस देश में कौन रहेगा और कौन यहां से जाएगा? वे यह निर्णय ले रहे हैं कि लोग किस भाषा में बात करेंगे, लोग क्या खाएंगे और क्या पहनेंगे। वे देश का इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं।’’
এর আগে, সকালে কলকাতার ২১শে উদ্যানে ভাষা শহীদ স্মারকে ভাষা-শহীদদের প্রতি আমরা আমাদের শ্রদ্ধা জ্ঞাপন করেছি।
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 21, 2019
২১ আমাদের চেতনায়, ২১ আমাদের প্রেরণায়।
“আমার ভাইয়ের রক্তে রাঙানো
একুশে ফেব্রুয়ারি
আমি কি ভুলিতে পারি” pic.twitter.com/OHwvbd6WIy
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि कुछ लोग अपनी इच्छानुसार एक कानून लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। हम विभाजनकारी राजनीति के इस सिद्धांत का समर्थन नहीं करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एकजुट भारत चाहते हैं। आइए एकता के बारे में सोचें और बात करें।... विभाजन करो और शासन करो की कोई नीति नहीं होनी चाहिए।’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि वह लोगों को उनके धर्म, जाति या सम्प्रदाय के आधार पर बांटने की राजनीति में भरोसा नहीं करतीं।
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उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कोलकाता में कश्मीरी मेडिकल छात्रों को मिली धमकियों की भी आलोचना की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे देश को बांटने के कदम के विरोध में अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें।
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