कश्मीर की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयासः पीडीपी

पीडीपी ने आज कहा कि ऐसा लगता है कि निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है।

श्रीनगर। कश्मीर में अशांति के माहौल के बीच सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) ने आज कहा कि ऐसा लगता है कि निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है। पीडीपी प्रवक्ता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के सलाहकार रहे वहीद पारा ने कहा कि ऐसे निहित स्वार्थी तत्वों को उनके नापाक इरादों में कामयाब होने से रोकने के लिए समान विचार वाले लोगों को एकजुट होना होगा।

उन्होंने एक बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि कश्मीर में हिंसा का दुष्चक्र जारी रखने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को जानबूझकर अस्थिर एवं बर्बाद करने का निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। पीडीपी नेता ने कहा, ''हम कश्मीरियों को एक नयी सरकार बनने के समय और कश्मीर में पर्यटक मौसम शुरू होने के समय हमेशा होने वाली इस तरह की हिंसक घटनाओं पर काबू पाना है।’’ सेना के एक शिविर पर हमले के लिए कथित तौर पर युवाओं को जिम्मेदार ठहराने के लिए पारा विवाद के केन्द्र हैं। सेना के शिविर पर हमले के बाद सेना द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को कुपवाड़ा के नाथनूसा इलाके में चलाई गई गोली में एक युवक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।

हालांकि, पारा ने इस संबंध में उनसे जोड़े गये बयान से इनकार किया। उन्होंने कहा, ''मैंने केवल यह कहा कि नागरिकों के मारे जाने को किसी भी तरह से न्यायोचित ठहराया नहीं जा सकता है और हमें पीड़ित के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद करनी चाहिए क्योंकि सेना ने पहले ही इस घटना की जांच का आदेश दिया है और लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए उसके तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने की जरूरत है।’’

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