पर्यावरण सरंक्षण कानून के खिलाफ और भारत के भविष्य से समझौता है EIA का मसौदा: कांग्रेस
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह मसौदा पर्यावरण संरक्षण कानून और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। हाल ही मेंकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ईआईए के मसौदे को लेकर सरकार पर फिर से निशाना साधा था और कहा था कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया था कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश की लूट है।
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ईआईए-2020 का मसौदा भारत के पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा, पर्यावरण, जीव जंतुओं एवं वनस्पति, लाखों गरीब आदिवासी एवं वंचित वर्ग के लोग तथा भविष्य की पीढ़ियों के कल्याण पर सीधा हमला है। ‘‘सूट-बूट की सरकार’’ ने ‘‘पर्यावरण से ज्यादा महत्व पैसे को’’, ‘‘पारदर्शिता से ज्यादा महत्व मुनाफाखोरी को’’ एवं ‘‘संरक्षण से ज्यादा महत्व लाभ कमाने’’ को दिया है। ’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दूरदर्शिता से विहीन मोदी सरकार, अपने पूंजीपति मित्रों को आगे बढ़ाने की लालसा में अंधी होकर भारत के भविष्य के साथ समझौता करने और उसे जोखिम में डालने पर तुली है।’’ सुरजेवाला के मुताबिक, ईआईए 2020 के खिलाफ आपत्तियां देने की अवधि आज समाप्त हुई। सर्वाधिक तीखी आपत्तियां पर्यावरणविदों, सिविल सोसायटी समूहों, कार्यकर्ताओं एवं प्रबुद्ध नागरिकों की ओर से आईं हैं। उन्होंने दावा किया कि ईआईए 2020 पर्यावरण की क्षति को वैधता व लाइसेंस के अधीन लाता है। इसके मसौदे में पर्यावरण को प्रदूषित किए जाने पर परियोजनाओं के मालिकों के लिए मुआवजे का भुगतान करने का प्रावधान है और वो अपना काम पहले की तरह जारी रख सकते हैं।Modi Government has endangered Ecological Security, Lives & Livelihoods by Environmental Impact Assessment Notification 2020 (EIA 2020).
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 11, 2020
EIA 2020 is Anti-People & Anti-Environment.
EIA 2020 = “Money over Environment” & “Expediency over Transparency”
Our Statement-: pic.twitter.com/vadOUXXMl6
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कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘इस मसौदे में ‘‘जन परामर्श एवं जन बुद्धिमत्ता’’ को बाधक मान उसे केवल औपचारिकता बना दिया गया है। अजीब बात है कि ईआईए रिपोर्ट अब केवल ‘अंग्रेजी’ में देनी होगी, न कि किसी भी ‘स्थानीय/क्षेत्रीय भाषा’ में। इसके प्रभाव को स्थानीय समुदाय के लिए समझना असंभव हो जाएगा।’’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह मसौदा पर्यावरण संरक्षण कानून और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। हाल ही मेंकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ईआईए के मसौदे को लेकर सरकार पर फिर से निशाना साधा था और कहा था कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया था कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश की लूट है।
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