देश में यूरोपियों ने निकाला था पहली बार समाचार पत्र, बंगाल गजट की याद में आज मनाते हैं Indian Newspaper Day

Newspaper Day
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Prabhasakshi News Desk । Jan 29 2025 11:43AM

29 जनवरी को पूरे देश में भारतीय समाचार पत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश के लोग पहले समाचार पत्र, ‘हिक्की के बंगाल गजट,’ की स्थापना को याद करते हैं, जो साल 1780 में कोलकाता में प्रकाशित हुआ था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाचार पत्रों के महत्व को बढ़ाना है।

हर साल 29 जनवरी को पूरे देश में भारतीय समाचार पत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश के लोग पहले समाचार पत्र, ‘हिक्की के बंगाल गजट,’ की स्थापना को याद करते हैं, जो साल 1780 में कोलकाता में प्रकाशित हुआ था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाचार पत्रों के महत्व को बढ़ाना है। समाज में यह दिन सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करता है। इस महत्वपूर्ण मौके पर कार्यक्रम, समाचार पत्र प्रदर्शनी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अभियान चलाये जाते हैं। यह दिन समाचार पत्रों को मजबूत और स्वतंत्र बनाने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है, साथ ही इस दिन पत्रकारों की पत्रकारिता को सम्मानित किया जाता है। 

भारतीय समाचार पत्र दिवस का उद्देश्य 

इस प्रमुख दिवस का उद्देश्य है समाचार पत्रों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना, समाचार पत्रों के महत्व को मानना, समाचार पत्रों की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाना और लोगों को एक सूचित और सक्रिय नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करना। भारतीय समाचार पत्र दिवस लोगों याद दिलाता है कि देश के लोकतंत्र को कैसे समाचार पत्रों ने आकार दिया। यह दिन हमें यह जानने का अवसर प्रदान करता है कि पत्रकारों ने न्यायशीलता को बनाए रखने में कैसा अद्भुत काम किया और लोगों को ज़िम्मेदार बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  

क्या है इस दिवस का महत्व ?

आज देश में समाचार पत्रों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। समाचार पत्र लोकतंत्र का एक आवश्यक अंग है जो लोगों को जानकारी प्रदान करने, जागरूकता बढ़ाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है। यह दिन पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने और सत्य को सामने लाने के लिए सुरक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण अवसर है। लोगों को एक सक्रिय नागरिक बनने के लिए यह दिन प्रोत्साहित करता है। इस विशेष अवसर पर लोग रैलियों, सभाओं के माध्यम से समाचार पत्रों की सुरक्षा के लिए आवाज उठा सकते हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में लोगों को जागरूक भी कर सकते हैं।

पुर्तगालियों ने छापा भारत में पहला अखबार

पुर्तगालियों को भारत में प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय और यूरोपियनों को समाचार पत्रों की शुरुआत का श्रेय जाता है। साल 1557 में गोवा में कुछ ईसाई पादरियों ने एक पुस्तक छापी थी, जो भारत में मुद्रित होने वाली पहली किताब थी। इसके बाद भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना 1684 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की। भारत का पहला समाचार पत्र ‘बंगाल गजट’ 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिकी ने प्रकाशित किया था।

भारत की स्थानीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र मासिक ‘दिग्दर्शक’ था, जो 1818 ईस्वी में प्रकाशित हुआ। निर्विवाद रूप से भारत का सबसे पहला प्रमुख समाचार पत्र ‘संवाद कौमुदी’ था। इस साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन 1821 में शुरू हुआ था और इसके प्रबंधक-संपादक प्रख्यात समाज सुधारक राजा राममोहन राय थे। ‘संवाद कौमुदी’ के प्रकाशन के साथ ही सबसे पहले भारतीय नवजागरण में समाचार पत्रों के महत्व को रेखांकित किया गया था।

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