Prabhasakshi Exclusive | ड्रोन वॉरफेयर, साइबर अटैक, AI: भारत की तैयारी मेजर जनरल (रि.) पीके सहगल से जानें

 Major General PK Sehgal
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Mar 9 2024 6:27PM

बदलते वक्त के साथ युद्ध का तरीका भी बदल रहा है। इसका भविष्य क्या होगा। ड्रोन वॉरफेयर, साइबर अटैक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कुल मिलाकर कहे तो इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के दौर में भारत की तैयारी को लेकर हमारे साथ बात करने के लिए मौजूद हैं भारतीय सेना में मेजर जनरल रह चुके पीके सहगल सर।

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहाँ से। अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशां हमारा। 

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा। 

किसी भी देश की सशक्त सुरक्षा नीति से उसके आवाम में सुरक्षा की भावना पैदा होती है और देश की रक्षा की खातिर अपने जान की बाजी लगाना त्याग का सबसे बड़ा उदाहरण भी माना जाता है। प्राचीन धर्म ग्रंथों तक में लिखा गया है कि 'जननी, जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' अर्थात माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है। आज की दुनिया में किसी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सैन्य ताकत से लगाया जाता है। इस लिहाज से जिस देश की सेना जितनी बड़ी, रक्षा नीति जितनी मजबूत, अत्याधुनिक होती है उसे दुनिया में उतना ही ताकतवर माना जाता। जब भारत को चीन से युद्ध में कमजोरी का अहसास हुआ और फिर आगे चलकर हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तान को घर मे घुसकर मारने जैसी घटना को भी अंजाम दिया। बदलते वक्त के साथ युद्ध का तरीका भी बदल रहा है। इसका भविष्य क्या होगा। ड्रोन वॉरफेयर, साइबर अटैक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कुल मिलाकर कहे तो इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के दौर में भारत की तैयारी को लेकर हमारे साथ बात करने के लिए मौजूद हैं भारतीय सेना में मेजर जनरल रह चुके पीके सहगल सर। 

जनरल पीके सहगल सेना के कई उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। आर्मी डिफेंस कॉलेज के हेड रह चुके हैं। सेना के तीन हजार जवानों को आर्मी कॉलेज में विशेष ट्रेनिंग दे चुके हैं। साथ ही साथ नेशनल डिफेंस अकादमी, खड़गवासला में भी अपनी सेवाएं दी हैं। भारतीय सेना के एयर डिफेंस ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं। करगिल युद्ध के वक्त भी मेजर जनरल पीके सहगल ने विशेष भूमिका अदा की थी। भारतीय सेना और रक्षा तंत्र में उनकी विशेष जानकारी समय समय पर देश के लिए उपयोगी रही है। तो सबसे पहले मैं जनरल साहब का अभिनंदन और स्वागत करता हूँ।

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प्रश्न: भारत देश का इतिहास रहा है उसने कभी पहले किसी भी देश पर आक्रमण नहीं किया है। वहीं सुपरपावर बनने के ख्वाब देख रहा ड्रैगन का तो ये इतिहास ही रहा है कि वो दूसरे देशों की सीमाओं में घुसपैठ कर अपने जमीन विस्तार नीति को अंजाम देने की कोशिश करता रहा। अभी एक खबर LAC से जुड़ी आई कि 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी गयी है। चीनी विदेश मंत्रालय का रिएक्शन भी आ गया- बड़ी संख्या में तैनाती से तनाव कम नहीं होगा। क्या ये विस्तारवाद पर नकेल कसने की शुरुआत है?

उत्तर: चीन ने बहुत बड़े पैमाने पर उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा जहां कोई खास बड़ा विवाद नहीं था। वहां बड़े पैमाने पर अपने गांव बसाने शुरू कर दिए। जिससे साफ तौर पर नजर आता है कि उसका इरादा कुछ और है। चीन ने इससे पहले भी अरुणाचल में घुसपैठ की है। लद्दाख और सिक्कम के क्षेत्र में। इसके बावजूद की लिखित रूप में एग्रीमेंट्स होने के बावजूद उसने इसका उल्लंघन किया। इसको निगाह में रखते हुए हिंदुस्तान किसी प्रकार से कोई भी खतरा नहीं मोल लेना चाहता है। कहा जा रहा है कि चीन बहुत बड़े पैमाने पर उत्तराखंड के पास नेपाल को भी प्रोत्साहित कर रहा है कि हिंदुस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई करे। इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान ने फैसला किया है कि हिमाचल और उत्तराखंड के इलाके वहां 10 हजार और सैनिक तैनात किए जाएं। 

प्रश्न: इलेक्ट्रानिक वार फेयर के बारे में थोड़ा सा बताए। भारत कितना सामना करने के लिए तैयार है? 

उत्तर: मैं 2002 में रिटायर्ड हुआ था और जब मैं एयर डिफेंस कॉलेज का हेड था उस वक्त हमारे एयर डिफेंस कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, इनफॉर्मेशन वॉरफेयर और कुछ हद तक साइबर वॉरफेयर के बारे में शिक्षा दी जाती थी। अगर हम 2002 में अपने आप को एमसीटी में अपने फोर्सेज को बड़े पैमाने पर ट्रेंन कर रहे थे। तो आज तो 2024 है और हम बहुत ही ज्यादा मजबूत हैं। हम अपने ट्रूप्स को 2002 के पहले से भी ट्रेनिंग दे रहे थे। इसलिए एक देश को किसी प्रकार की चिंता नहीं होनी चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर वर्तमान दौर में सबसे तीव्र गति से फैलने वाला वॉरफेयर है। इसके ऊपर हमने आज से 25 साल पहले से ध्यान देना शुरू किया हुआ है। इसमें काफी ज्यादा सुधार हो चुका है। 

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प्रश्न: दुनिया में सैन्य आधुनिकीकरण का पैमाना आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से बदल रहा है, भारत में इसको लेकर क्या प्रयास किये जा रहे हैं?

उत्तर: हिंदुस्तान भी बहुत बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हमने प्राइवेट सेक्टर को इनवॉल्व करना शुरू किया है। आईआईटी को इनवॉल्व किया है। पांच साल में हिंदुस्तान हर प्रकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अपने आपको सुरक्षित कर पाएगा। इसके अलावा हमारे इजरायल, फ्रांस, अमेरिका के साथ समझौते हुए। जिनसे हम तमाम टेक्नोलॉजी को हासिल करने जा रहे हैं। जिससे हम अपने देश को हर प्रकार से सुरक्षित कर सके। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अभी भी हम बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। 

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