एनआईटी में प्रदर्शन: अन्य राज्यों के छात्रों ने निकाला मार्च

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आज एक बार फिर विरोध प्रदर्शन हुए। कश्मीर से बाहर के राज्यों से यहां पढ़ने आए छात्रों ने अपनी मांगें उठाते हुए परिसर में मार्च निकाला।

श्रीनगर। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में आज एक बार फिर विरोध प्रदर्शन हुए। कश्मीर से बाहर के राज्यों से यहां पढ़ने आए छात्रों ने अपनी मांगें उठाते हुए परिसर में मार्च निकाला। उनकी मांगों में संस्थान को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि छात्रों के एक समूह ने मुख्य द्वार तक जाने की कोशिश की लेकिन परिसर में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाबल के जवानों ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि छात्र हजरतबल स्थित इस संस्थान के मुख्य द्वार के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों के साथ बात करना चाहते थे।

अधिकारियों ने कहा कि छात्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए लेकिन बाद में वे परिसर के अंदर वापस चले गए। एनआईटी के अधिकारियों ने गुरुवार को छात्रों को 11 अप्रैल से होने वाली माइनर परीक्षाओं को छोड़ने की अनुमति देते हुए कहा था कि उन्हें बाद में ये परीक्षाएं देने का अवसर दिया जाएगा। पंजीयक कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया था, ‘‘जो छात्र घर जाना चाहते हैं, उन्हें 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक होने जा रही माइनर परीक्षा के स्थान पर माइनर परीक्षा में बाद में बैठने का अवसर उपलब्ध करवाया जाएगा।’’ छात्रों की मांग है कि एनआईटी परिसर को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित किया जाए, पिछले मंगलवार छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और एनआईटी के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जो उनके अनुसार, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं।

राज्य सरकार ने एक अप्रैल और पांच अप्रैल को हुई हिंसक घटनाओं की समयबद्ध जांच का आदेश दिया है। ये हिंसक घटनाएं पिछले सप्ताह विश्व टी20 कप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों भारत की हार के बाद स्थानीय और दूसरे राज्यों के छात्रों के बीच झड़पों से शुरू हुई थी। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कल कहा, ‘‘हमने एनआईटी की घटनाओं की जांच गठित कर दी है।’’ उन्होंने कहा कि श्रीनगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देंगे। पुलिस ने पिछले शुक्रवार और मंगलवार को एनआईटी श्रीनगर परिसर में हुई छात्र हिंसा की घटनाओं के संदर्भ में दो अलग-अलग प्राथमिकियां भी दर्ज की हैं। पहली प्राथमिकी एक अप्रैल को बाहरी राज्यों के छात्रों और स्थानीय छात्रों के बीच हुई झड़पों के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। इससे एक दिन पहले ही विश्व टी20 कप के सेमीफाइनल में भारत वेस्ट इंडीज से मैच हारा था।

पिछले शुक्रवार को स्थानीय और दूसरे राज्यों से आए छात्रों के बीच हुई झड़पों के मामले में पुलिस ने रणबीर दंड संहिता की धाराएं 148 (दंगा करना), 149 (गैर कानूनी रूप से एकत्र होना), 427 (क्षति पहुंचाना), 336 (दूसरों की जिंदगी खतरे में डालना) और 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) लगाई हैं। दूसरी प्राथमिकी पांच अप्रैल को दर्ज की गई। पुलिस ने पिछली प्राथमिकी के आरोप लगाने के साथ-साथ धारा 353 (लोकसेवक पर हमला) और 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा) भी लगाईं। अभी तक दोनों में से एक भी प्राथमिकी में किसी को नामजद नहीं किया गया है लेकिन अधिकारी का कहना है कि पुलिस इन घटनाओं के दिन हुई हिंसा से जुड़े वीडियो साक्ष्यों की जांच कर रही है।

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