डेढ़ लाख के कर्जदार किसान का एक पैसे का फसली ऋण माफ किया

Farmer gets relief as one paise loan waived off
[email protected] । Sep 19 2017 10:49AM

किसान छिद्दी सिंह के परिवार में कुल छह सदस्य हैं। उसके पास केवल पांच बीघा जमीन है, जिस पर वह 1.55 लाख का ऋण बकाया है। वह परिवार सहित थाना गोवर्धन के अड़ींग गांव में एक ही कमरे में गुजर-बसर करता है।

मथुरा। उत्तर प्रदेश सरकार की ‘ऋण मोचन योजना’ में राजस्व विभाग ने मथुरा के अड़ींग गांव के किसान को डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा के कर्ज के बाबत जारी माफी प्रमाणपत्र में मात्र एक पैसे का ऋण माफ किया। इस मामले में अग्रणी बैंक के जिला प्रबंधक पीके शर्मा ने बताया, ‘‘ऐसा बैंकों में किसानों के एक से अधिक खाते होने के कारण हुआ है। किसानों के नाम और धनराशि का चयन करते समय ऐसे खाते सूची में आ गये जिनका भुगतान किया जा चुका था।’’ 

किसान छिद्दी सिंह के परिवार में कुल छह सदस्य हैं। उसके पास केवल पांच बीघा जमीन है, जिस पर वह 1.55 लाख का ऋण बकाया है। वह परिवार सहित थाना गोवर्धन के अड़ींग गांव में एक ही कमरे में गुजर-बसर करता है। गत दिनों ऋण मोचन प्रमाण पत्र मिलने पर वह दंग रह गया कि उसे मिले प्रमाण पत्र में माफ की धनराशि के स्थान पर एक पैसा के उल्लेख किया गया था। जब वह अपनी शिकायत लेकर उप जिलाधिकारी सदानन्द गुप्ता से मिला तब उन्होंने वह प्रमाण पत्र वापस लेते हुए इसमें संबंधित बैंक द्वारा गलती को स्वीकार किया। उन्होंने बैंक के अधिकारियों से भी गलती को सुधार कर नया प्रमाणपत्र जारी करने को कहा है। छिद्दी सिंह ने बताया, ‘मैंने वर्ष 2011 में पंजाब नेशनल बैंक से यह कर्ज लिया था। मैं लगातार फसली नुकसान के चलते ऋण चुका नहीं पाया। लेकिन जब विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया और उसकी सरकार बनी तो उसे भी उम्मीद जगी कि सरकार अब उसका कर्ज जरूर माफ होगा। लेकिन तब उसके होश उड़ गए जब लगभग छह माह तक इंतजार करने के बाद प्रमाण पत्र मिला।’’ 

 

छिद्दी को जारी पत्र में लिखा है, ‘प्रिय किसान भाई, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण मोचन के संबंध में लिए गए निर्णय के क्रम में यह प्रमाणित किया जाता है कि ‘फसली ऋण मोचन योजना’ के अंतर्गत रु 0.01 की धनराशि आपके केसीसी खाते (संख्या) में क्रेडिट कर दी गई है।’ जिला प्रबंधक शर्मा ने बताया, ‘मथुरा में कुल 66 हजार किसानों के ऋण माफ होने हैं। जिनमें से प्रथम चरण में आज तक सभी पांचों तहसीलों के 13 किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं। शेष 3000 किसान अपने प्रमाणपत्र बैंकों से प्राप्त कर सकते हैं। ऋण राशि इनके खातों में पहले ही जमा की जा चुकी है।’ उन्होंने बताया, ‘अगले चरण में 15 हजार तथा तीसरे एवं अंतिम चरण में बाकी बचे सभी किसानों के खाते में माफ किए गए ऋण के बाबत धनराशि जमा होगी।’’ छिद्दी सिंह जैसे किसानों के बारे में शर्मा ने कहा, ‘उनके उस खाते की राशि इस प्रमाण पत्र पर उल्लेखित हो गई है जिसका ऋण चुकाया जा चुका था। मगर खाता बंद नहीं किया गया था, जबकि उनके दूसरे खाते से ऋण लिया गया था। योजना के अनुसार उनका एक लाख तक का ऋण अवश्य माफ होगा।’

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