सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज, 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन का ऐलान

Farmers
अभिनय आकाश । Dec 9 2020 6:09PM

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो हम दिल्ली की सभी सड़कों को एक के बाद एक बंद करेंगे। पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने लगाए जाएंगे जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा।

किसान नेताओं ने कृषि कानून पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। सिंघु बॉर्डर पर क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अगर दूसरा प्रस्ताव भेजे तो विचार कर सकते हैं। हम 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे, दिल्ली-जयपुर राजमार्ग 12 दिसंबर तक बंद करेंगे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो हम दिल्ली की सभी सड़कों को एक के बाद एक बंद करेंगे।

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सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता ने कहा कि 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर रोक लगाया जाएगा। पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने लगाए जाएंगे जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए जाएंगे। बीजेपी के जितने मंत्री है उनका घेराव किया जाएगा और उनको पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे। इन सब के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं। 

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गौरतलब है कि नये कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर हजारों किसानों के विरोध के बीच उनके संगठनों के एक प्रतिनिधि समूह को सरकार की ओर से एक मसौदा प्रस्ताव मिला था जो प्रदर्शनकारियों की कुछ मुख्य चिंताओं से जुड़ा हुआ।  सरकार ने बुधवार को उन्हें ‘‘लिखित आश्वासन’’ देने का प्रस्ताव दिया था कि खरीद के लिए वर्तमान में जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकार ने कम से कम सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है, जिसमें से एक मंडी व्यवस्था को कमजोर बनाने की आशंकाओं को दूर करने के बारे में है। मसौदा प्रस्ताव 13 कृषक संगठन नेताओं को भेजा गया है जिनमें बीकेयू (एकता उगराहन) के जोगिंदर सिंह उगराहन भी शामिल हैं। यह संगठन करीब 40 आंदोलनकारी संगठनों में से सबसे बड़े संगठनों में शामिल है। 

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