गुरुग्राम में एमजीएफ की शिकायत पर एम्मार प्रॉपर्टीज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच जारी है। एम्मार इंडिया ने अपने प्रेस बयान में कहा, हम इस मुद्दे से किसी तरह के अपराध के जुड़े होने के दावों को सिरे से खारिज करते हैं। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट इकाई के रूप में, एम्मार समूह कानून के अनुसार काम कर रहा है और व्यापार आचरण के उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखना जारी रखेगा। बयान में आरोप लगाया गया है, “एमजीएफ ने पहले भी दो बार गुड़गांव की आर्थिक अपराध शाखा और दिल्ली के अधिकारियों से संपर्क किया है और दोनों एजेंसियों ने एमजीएफ को आरोपों में कोई अपराध या अनियमितता नहीं मिली। मामला अदालत में विचाराधीन है, लेकिन यह एम्मार और उसके कर्मचारियों को परेशान करने के लिए एमजीएफ का एक और प्रयास प्रतीत होता है।

गुरुग्राम की एक अदालत के निर्देश पर, यहां पुलिस ने संयुक्त अरब अमीरात की रियल एस्टेट कंपनी एम्मार प्रॉपर्टीज पीजेएससी, इसकी सहायक भारतीय कंपनी एम्मार इंडिया और 13 अन्य लोगों के खिलाफ जमीन के कम मूल्यांकन और अन्य अपराधों से अपने पूर्व कारोबारी साझेदार एमजीएफ को धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। हालांकि एम्मार इंडिया ने एक बयान में इस मुद्दे के साथ किसी भी तरह के आपराधिक संबंध से इनकार किया और आरोप लगाया कि यह एम्मार तथा उसके कर्मचारियों को परेशान करने के लिए एमजीएफ का एक और प्रयास प्रतीत होता है। पुलिस ने कहा कि 18 नवंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमेश चंदर के आदेश के बाद, 20 नवंबर को एम्मार प्रॉपर्टीज पीजेएससी, इसकी सहायक भारतीय कंपनी एम्मार इंडिया लिमिटेड, इसके निदेशक भारत भूषण गर्ग और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

उन्होंने कहा कि सेक्टर 29 थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड की ओर से सौरभ सिंह द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, गुरुग्राम में सेक्टर 63, 74ए, 76, 81, 85 और 90 में जमीन का स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता जोन्स लैंग लासेले (जेएलएल) द्वारा कथित तौर पर बहुत कम मूल्यांकन किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि एम्मार और उसके अधिकारियों के इशारे पर शिकायतकर्ता को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के लिए जाली और झूठी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की गई। शिकायकर्ता ने कहा कि कंपनी ने कथित तौर पर वारंटी क्षतिपूर्ति समझौते (डब्ल्यूआईए) और मुकदमेबाजी क्षतिपूर्ति समझौते (एलआईए) का भी लाभ उठाया और अपने लिए गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने और शिकायतकर्ता को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के लिए गंभीर संज्ञेय अपराध किए।

शिकायतकर्ता ने कहा कि इस पहलू की विस्तृत जांच की आवश्यकता है कि जब आस-पास की जमीनें बाजार में बहुत अधिक कीमतों पर बेची जा रही थीं, तो आरोपी ने कम कीमतों पर जमीनों का मूल्यांकन कैसे किया। शिकायत में कहा गया है, ‘‘आरोपियों ने अपने अवैध कृत्यों से अपराध की आय अर्जित की है, जिसे तुरंत जब्त करने और आपराधिक साजिश का खुलासा करने की आवश्यकता है।’’ शिकायत में आरोप लगाया गया है, आरोपी शिकायतकर्ता के खिलाफ और अपराध करने की प्रक्रिया में थे, जिसमें उनके द्वारा किए गए अपराधों को साबित करने वाले सबूतों को नष्ट करना, उन गवाहों को प्रभावित करना शामिल था, जिन्हें उनके अवैध कृत्यों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच जारी है। एम्मार इंडिया ने अपने प्रेस बयान में कहा, हम इस मुद्दे से किसी तरह के अपराध के जुड़े होने के दावों को सिरे से खारिज करते हैं। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट इकाई के रूप में, एम्मार समूह कानून के अनुसार काम कर रहा है और व्यापार आचरण के उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखना जारी रखेगा। बयान में आरोप लगाया गया है, “एमजीएफ ने पहले भी दो बार गुड़गांव की आर्थिक अपराध शाखा और दिल्ली के अधिकारियों से संपर्क किया है और दोनों एजेंसियों ने एमजीएफ को आरोपों में कोई अपराध या अनियमितता नहीं मिली। मामला अदालत में विचाराधीन है, लेकिन यह एम्मार और उसके कर्मचारियों को परेशान करने के लिए एमजीएफ का एक और प्रयास प्रतीत होता है।

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