पटाखा कारखाना विस्फोट : झुलसे मजदूर को जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया, संचालक फरार

Firecracker
प्रतिरूप फोटो
Prabhasakshi

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि पटाखा कारखाने के संचालक मोहम्मद शाकिर खान के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 308 (मानव वध का प्रयास) के तहत महू थाने में मामला दर्ज किया गया है।

इंदौर जिले में पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में बुरी तरह झुलसे तीन मजदूरों में शामिल 20 वर्षीय युवक एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, जबकि इस इकाई का संचालक घटना के बाद फरार हो गया है।

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। चोइथराम हॉस्पिटल के उप निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. अमित भट्ट ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में गंभीर रूप से घायल रोहित परमानंद (20) घटना के बाद से सदमे में है और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में बुरी तरह झुलसे दो अन्य मजदूरों-अर्जुन राठौर (27) और उमेश चौहान (29) की हालत इलाज के दौरान स्थिर बनी हुई है। पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि पटाखा कारखाने के संचालक मोहम्मद शाकिर खान के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 308 (मानव वध का प्रयास) के तहत महू थाने में मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद से खान फरार है और पुलिस के अलग-अलग दल उसकी तलाश कर रहे हैं। चौधरी ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर जंगली इलाके में एक खेत में चलाए जा रहे कारखाने में मंगलवार को रस्सी बम बनाए जाने के दौरान विस्फोट हुआ था।

अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) चरणजीत सिंह हुड्डा ने बताया कि ‘‘अली फायर वर्क्स’’ नाम की कंपनी का मालिक मोहम्मद शाकिर खान इस कारखाने को संचालित करता था। उन्होंने बताया, ‘‘ कारखाने में एक बार में केवल 15 किलोग्राम बारूद रखने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पता चला कि वहां इससे काफी ज्यादा मात्रा में बारूद रखा गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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