पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के दखल के बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी रिहा

अपनी गिरफतारी के विरोध में सुमेध सिंह सैनी हाईकोर्ट पहुंचे थे। पंजाब के विवादास्पद पुलिस अफसर सैनी पर कई मामलों की तलवार लटकी है। जेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं हो पाई है
चंडीगढ। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के दखल के बाद रात भर चली गहमाहमी के बीच आखिर देर रात करीब दो बजे पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को रिहा कर दिया गया। पंजाब विजिलेंस ने उन्हें बीते दिन हिरासत में लिया था। अदालत के आदेश पर विजिलेंस ने सुमेध सिंह सैनी को गुरुवार रात दो बजे रिहा कर दिया । उनकी रिहाई से पंजाब सरकार को खासा झटका लगा है।
अपनी गिरफतारी के विरोध में सुमेध सिंह सैनी हाईकोर्ट पहुंचे थे। पंजाब के विवादास्पद पुलिस अफसर सैनी पर कई मामलों की तलवार लटकी है। जेकिन कानूनी पेचिदगियों के चलते अभी तक उनके खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। बिना तैयारी विजिलेंस ने उनकी गिरफतारी तो कर ली, लेकिन चंद घंटों बाद उन्हें छोडना भी पडा।
सुमेध सिंह सैनी के वकील विनोद घई ने बताया कि हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी को राहत देते हुए उनके पूरे सेवा काल में दर्ज किसी भी मामले में कार्रवाई से पहले सात दिन का नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही लगातार पुलिस और विजिलेंस राजनीतिक प्रभाव के चलते उन्हें किसी न किसी मामले में फंसा कर गिरफ्तार करना चाह रहे थी।
सैनी की 2018 से हाईकोर्ट में याचिका लंबित है, जिसमें इसी का अंदेशा जताते हुए उन्होंने सभी मामलों की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की थी। इसी वर्ष अप्रैल में हाईकोर्ट ने सैनी के खिलाफ जितने भी लंबित मामले थे उन सभी की जानकारी मांगी थी लेकिन यह उपलब्ध नहीं करवाई गई और कोरोना के चलते केस में नवंबर की तारीख पड़ गई।
इसी बीच आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने एक एफआईआर दर्ज की। इस मामले में सैनी को अंतरिम जमानत मिल गई थी। सैनी को जांच में शामिल होने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था। इसी मामले की जांच में शामिल होने के लिए सैनी विजिलेंस दफ्तर में गए तो उन्हें बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया गया।
हाईकोर्ट ने कहा कि जब सरकार से सैनी के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी गई थी तो क्यों नहीं दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने सैनी को छोड़े जाने के आदेश दे दिया।
2018 में दाखिल सुमेध सिंह सैनी की मुख्य याचिका पर जल्द सुनवाई की अर्जी का पंजाब ने विरोध करते हुए कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है, जिसके चलते नवंबर में तय सुनवाई को अभी किया जाए। साथ ही आय से अधिक संपत्ति मामले में अंतरिम जमानत में अन्य लाभ जोड़ने की सैनी की 17 अगस्त को खारिज हुई अर्जी भी संलग्न नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने सारी दलीलें खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई जरूरी है।
हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई की अर्जी मंजूर करने के बाद मुख्य याचिका पर सुनवाई की और इस दौरान कोर्ट ने 18 अगस्त को हुई गिरफ्तारी के मेमो, वह दस्तावेज जिसमें उन्हें गिरफ्तारी का कारण बताया हो, वह दस्तावेज जिनमें गिरफ्तारी के बारे में परिवार को जानकारी दी गई हो आदि 3 बजे न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायधीश के आदेश के चलते सैनी की याचिका पर नवंबर में सुनवाई तय की गई थी। कोरोना के प्रकोप के चलते लिए गए निर्णय की स्थिति में मामला चाहे आपराधिक हो या सिविल सभी पक्षों को यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए। यदि कोई कार्रवाई आवश्यक हो तो इसके लिए पहले न्यायालय की इजाजत ली जानी चाहिए।
पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को जमानत तो मिल गई लेकिन फैसला न लिखे जाने के कारण गुरुवार रात 2 बजे तक जिला अदालत में बैठे थे। रात 2.10 बजे जिला अदालत के आदेश पर विजिलेंस ने सैनी को रिहा किया। जांच में सहयोग के लिए पहुंचे सैनी को विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले में बुधवार रात 8 बजे गिरफ्तार कर लिया था।
गुरुवार दोपहर 12.30 बजे सैनी को मोहाली की जिला अदालत में पेश किया गया। सुनवाई शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई और करीब ढाई घंटे चली। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सैनी की जमानत याचिका मंजूर कर ली। इसके बाद रात तक फैसला लिखा जाता रहा। हाईकोर्ट ने विजिलेंस की कार्रवाई को अवैध करार दिया है। अब मोहाली अदालत ने भी जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
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