फ्रांस ने आतंकवाद पर वैश्विक समम्लेन के प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव का स्वागत किया
फ्रांस इस मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा है..और मैं यह कह सकता हूं कि इस मोर्चे पर हमारे संबंध मजबूत हैं।” नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद यह फ्रांस के किसी मंत्री का पहला भारत दौरा है।
नयी दिल्ली। फ्रांस ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन रखने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का सोमवार को स्वागत करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शुमार है। फ्रांस के यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्री जीन बापटिस्ट लेमोयन ने यहां बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, इंजीनियरिंग एवं डिजाइन के क्षेत्र में फ्रांस के संस्थानों में पढ़ चुके भारतीय छात्रों के साथ बातचीत से इतर ये टिप्पणियां की। उन्होंने कहा, “आतंकवाद से लड़ने की हर एक पहल का स्वागत है क्योंकि यह विश्व के प्रत्येक देश के लिए खतरा है...इसलिए प्रयासों को एकजुट करने के लिए जो कुछ संभव है उसका स्वागत है। यह (आतंकवाद) जलवायु परिवर्तन की तरह एक वैश्विक चुनौती है। हम इस कदम पर करीब से गौर करेंगे।”
लेमोयन ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जंग हमारी शीर्ष प्राथमिकता है...फ्रांस इस मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा है..और मैं यह कह सकता हूं कि इस मोर्चे पर हमारे संबंध मजबूत हैं।” नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद यह फ्रांस के किसी मंत्री का पहला भारत दौरा है। फ्रांस के मंत्री ने कहा कि पहला राफेल लड़ाकू विमान सितंबर में भारत पहुंचेगा और यह भारत-फ्रांस सहयोग का एक मजबूत संकेत होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद 36 राफेल विमानों की एक-एक कर आपूर्ति की जाएगी। लेमोयन विदेश मंत्री एस जयशंकर, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारत उद्योग परिसंघ के प्रतिनिधि मंडल से सोमवार को मुलाकात करेंगे।
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JB Lemoyne, MoS for Europe&Foreign Affairs of France on #RafaleDeal: French govt doesn't care about controversies. We just want to deliver; it's in national interest of the two countries. We want France&India to be more sovereign&Rafale is a tool for better sovereignty for India. pic.twitter.com/LdgIyVAtXS
— ANI (@ANI) June 10, 2019
चुनावों में मिली जीत के बाद से अपने पहले विदेश दौरे पर गए मोदी ने एक भाषण के दौरान मालदीव की संसद से रविवार को कहा,, “आतंकवाद सिर्फ एक देश के लिए खतरा नहीं है बल्कि समस्त सभ्यता के लिए खतरा है।” मोदी ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जलवायु परिवर्तन के खतरे पर कई वैश्विक समझौते और कई सम्मेलन किए हैं। तो आतंकवाद के मुद्दे पर क्यों नहीं?”
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