International Yoga Day 2025: सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों से लेकर गहरे समुद्र तक... सशस्त्र बलों ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों से लेकर विशाखापत्तनम में लंगर डाले नौसेना के जहाजों तक, भारतीय सशस्त्र बलों ने शनिवार को पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया तथा अनुशासन और आंतरिक शक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में समारोह का नेतृत्व किया।
सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों से लेकर विशाखापत्तनम में लंगर डाले नौसेना के जहाजों तक, भारतीय सशस्त्र बलों ने शनिवार को पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया तथा अनुशासन और आंतरिक शक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में समारोह का नेतृत्व किया। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी थे। सिंह ने कहा, ‘‘एक समय था जब योग को केवल साधु-संतों तक ही सीमित माना जाता था। लेकिन आज, लोग न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से लेकर एफिल टॉवर के पास लॉन तक चटाइयों पर सूर्य नमस्कार कर रहे हैं। क्या यह किसी चमत्कार से कम है?’’ उन्होंने कहा कि यह भारत की ‘‘उभरती हुई सौम्य शक्ति’’ है और योग इसका ‘‘सबसे मजबूत दूत’’ बन गया है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योग दिवस पूरे देश में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया गया।
सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
जम्मू से लेकर पंजाब, कश्मीर और उत्तर पूर्व की सीमाओं पर बीएसएफ ने मनाया योग दिवस। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने योग किया। इसके अलावा जैसलमेर, राजस्थान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग किया। बीएसएफ (उत्तर) के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौर ने कहा, "बीएसएफ ने विभिन्न स्थानों पर योग दिवस समारोह आयोजित किए हैं। जहां तक जैसलमेर की बात है, तो यहां मुख्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और 1500 बीएसएफ जवानों ने हिस्सा लिया। हमने सीमा पर योग किया। पाकिस्तान के लिए संदेश है कि अगर उन्हें तरक्की करनी है, स्वस्थ रहना है, अपनी मानसिक शक्ति को मजबूत करना है, तो उन्हें योग करना चाहिए।"
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मनाया गया योग दिवस
छत्तीसगढ़ सुकमा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तुमालपाड़ के ग्रामीण, जो योगाभ्यास से काफी हद तक अनभिज्ञ थे, ने क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवानों और अधिकारियों के साथ पहली बार योग में हिस्सा लिया।
पैंगोंग त्सो झील के किनारों से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक
अधिकारी ने बताया कि पैंगोंग त्सो झील के किनारों से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक और अरुणाचल प्रदेश के किबिथु से लेकर कच्छ के रण तक सैनिकों ने योग किया और शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक लचीलेपन के साधन के रूप में प्राचीन भारतीय अभ्यास को अपनाया। उन्होंने कहा कि उधमपुर कार्यक्रम में मौजूद सेना प्रमुख ने ‘‘सैनिकों के बीच युद्ध की तैयारी और तनाव प्रबंधन को बढ़ाने’’ में योग के महत्व को रेखांकित किया। दिल्ली में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन. एस राजा सुब्रमणि ने करिअप्पा परेड मैदान में सैनिकों और परिवारों के साथ योग किया, जिसमें 25 देशों के रक्षा अताशे, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट और स्कूली छात्रों सहित 3,400 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के कर्मियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में मुख्य योग दिवस समारोह में भाग लिया।
नौसेना के जहाजों पर योग सत्र आयोजित
आर. के. बीच पर तथा पास में लंगर डाले नौसेना के जहाजों पर सत्र आयोजित किए गए। पूर्वी नौसेना कमान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जैसे ही आर. के. बीच पर सूर्य का उदय हुआ, ‘सनराइज कमांड’ के कर्मियों और परिवारों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के नागरिक भी समुद्र और आकाश की ऊर्जा को गले लगाते हुए माननीय प्रधानमंत्री के साथ आए...।’’ एक दिन पहले नौसेना के प्रवक्ता ने कहा था कि इस कार्यक्रम में पूर्वी नौसेना कमान के 11,000 से अधिक नौसैनिकों और परिवार के सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है।
समुद्र में योगाभ्यास
समुद्र में योगाभ्यास करने वालों में पूर्वी बेड़े के जहाज और तटरक्षक अपतटीय गश्त पोत ‘वीरा और विग्रह’ शामिल थे, जो आर. के. बीच से दूर विशाखापत्तनम बंदरगाह पर तैनात थे। भारतीय तटरक्षक ने योग वंदना संस्थान के सहयोग से नोएडा स्थित अपने परिसर में ‘योग संगम’ कार्यक्रम भी आयोजित किया। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों और विदेश में सैन्य प्रशिक्षण दलों में तैनात भारतीय सेना के जवानों ने भी इस अवसर पर योग सत्र में भाग लिया। मंगोलिया में बहुपक्षीय योगाभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ और फ्रांस में द्विपक्षीय योगाभ्यास ‘शक्ति’ में भाग लेने वाले भारतीय सैनिकों ने साथी अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के साथ योग का अभ्यास किया, जो भारत की सांस्कृतिक पहुंच को दर्शाता है। व्यापक स्तर पर आयोजित ये समारोह भारतीय सेना के आदर्श वाक्य ‘योग कर्मसु कौशलम्’ (योग क्रिया में उत्कृष्ट है) में विश्वास और कर्मियों की दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने के उसके संकल्प को दर्शाते हैं। इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है।
#अंतर्राष्ट्रीययोगदिवस – Yoga for One Earth, One Health
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 21, 2025
On the 11th International Day of Yoga #IDY2025, #IndianArmy conducted Yoga sessions from the world's highest battlefield #Siachen to all the terrains & climatic conditions through the expanse of the country. #IDY2025… pic.twitter.com/vdM51U34J9
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