NHAI का IPO लाना चाहते हैं, वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार: गडकरी

Gadkari, finance ministry wants to get NHAI''s IPO
[email protected] । Sep 18 2017 9:19PM

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर काम चल रहा है।

मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर काम चल रहा है। गडकरी ने कहा, ‘‘एनएचएआई के आईपीओ की प्रक्रिया चल रही है। मैं इस पर विचार कर रहा हूं, लेकिन मुझे इसके लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी।’’

हालांकि, इस बारे में और ब्योरा नहीं दिया। न ही यह बताया कि यह कब तक लाया जाएगा। वित्त मंत्रालय में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग निवेश प्रक्रिया को देखता है। गडकरी ने यहां इंडो-अमेरिकन चैंबर आफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएचएआई की सूचीबद्धता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि इसमें निवेशकों की ओर से 10,000 अरब रुपये तक की बोलियां आएंगी। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि कोचिन शिपयार्ड के 1,560 करोड़ रुपये के आईपीओ के प्रति निवेशकों ने खासा उत्साह दिखाया है। इस आईपीओ को 76 गुना अभिदान मिला है।

गडकरी ने जोर देकर कहा कि वह विशेष रूप से बैंकों के असमंजस को देखते हुए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को 0.5 प्रतिशत का अतिरिक्त कूपन दिया जा सकता है। पिछले सप्ताह गडकरी ने कहा था कि वह बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए विदेशी कोष का इस्तेमाल करने के खिलाफ हैं। बैंकरों को लेकर अपनी राय का सार्वजनिक करते हुए गडकरी ने कहा कि एनएचएआई के पर्याप्त पैसा है जिससे वह ईपीसी के आधार पर परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकता है।

गडकरी का दावा है कि किसी परियोजना के लिए कर्ज मंजूर करने में बैंक 12 महीने तक का समय ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में गैर निष्पादित आस्तियों को लेकर दिक्कतें रही हैं। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे परियोजनाओं को नए तरीके से देखें। गडकरी ने कहा, ‘‘मैं ऐसे लोगों को पसंद करता हूं जो गलतियां करते हैं। मैं ऐसे बेईमान लोगों को पसंद नहीं करता जो निर्णय करना ही नहीं चाहते। मंत्री ने कहा कि 44,000 करोड़ रुपये की मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मंत्रालय ने ईपीसी का रास्ता चुना। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की परियोजनाओं के लिए पैसे की कमी नहीं है।

गडकरी ने बताया कि सड़क मंत्रालय छह महीने में टोल परिचालन स्थानांतरण (टीओटी) का इस्तेमाल शुरू कर देगा। इसी के तहत एक महीने में पायलट परियोजना शुरू की जाएगी।

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