राजस्‍थान में निर्यातकों के लिए विभिन्न छूटों को गहलोत ने दी मंजूरी

Gehlot News
प्रतिरूप फोटो

इस स्वीकृति से अनुमोदित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों एवं व्यवसाय सेवा प्रबंधन (बीएसएम) में भाग लेने पर चुकाए गए ग्राउण्ड रेंट एवं सहभागिता शुल्क के पुनर्भरण की राशि 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है।

राजस्‍थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न प्रकार की छूट देने के प्रस्ताव को शनिवार को स्वीकृति दी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्य सरकार के इस फैसले से जहां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों आदि में दिए सहभागिता शुल्क एवं ग्राउण्ड रेंट का पुनर्भरण बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है वहीं विदेशों में नियुक्त निर्यातकों के प्रतिनिधिमंडलों को भी पुनर्भरण दिया जाएगा।

इस स्वीकृति से अनुमोदित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों एवं व्यवसाय सेवा प्रबंधन (बीएसएम) में भाग लेने पर चुकाए गए ग्राउण्ड रेंट एवं सहभागिता शुल्क के पुनर्भरण की राशि 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। योजना के अंतर्गत छूट बढ़ाने के साथ-साथ योजना की अवधि भी बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक कर दी गई है। राजस्थान के निर्यातकों की तरफ से विदेश में नियुक्त प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपने उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न आयोजनों में दिए गए सहभागिता शुल्क के पुनर्भरण के लिए राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद को 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा नए नियमों में राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद के अंतर्गत पंजीकृत राजस्थान निवासी निर्यातक इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही ‘मिशन निर्यातक बनो’ के अंतर्गत पंजीकृत निर्यातक भी नए नियमों के अनुसार छूट के हकदार होंगे। संशोधित नियमों से जहां एक तरफ प्रदेश के निर्यातकों को अपने उत्पादों का देश एवं विदेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आयोजनों में प्रदर्शन एवं प्रचार-प्रसार में सुगमता होगी। वहीं सहभागिता शुल्क व ग्राउण्ड रेंट में छूट बढ़ने से वित्तीय राहत भी मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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