आईटी के प्रयोग के बिना संवेदनशीलता, पारदर्शिता व जवाबदेही असंभव : Gehlot

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गहलोत ने कहा कि सुशासन तब होगा जब धीरे-धीरे तमाम काम सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित होंगे, जिससे कोई भी व्यक्ति काम नहीं करने का बहाना नहीं कर पायेगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) के प्रयोग के बिना संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही असंभव हैं। गहलोत ने कहा कि सुशासन तब होगा जब धीरे-धीरे तमाम काम सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित होंगे, जिससे कोई भी व्यक्ति काम नहीं करने का बहाना नहीं कर पायेगा। उन्होंने आईटी दिवस के अवसर पर सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब सब काम सूचना एवं प्रौद्योगिकी आधारित होंगे तो काम में पारदर्शिता रहेगी।

उन्होंने कहा कि ‘‘सरकार की मंशा भी है कि वह संवेदनशीलता के साथ जनता का काम करे। संवेदनशीलता , पारदर्शिता और जवाबदेही- हमारा शुरू से ही सोच रहा है और ये तीनों काम बिना आईटी के प्रयोग के असंभव हैं।’’ उन्होंने हाल ही में प्रदेश में 19 नये जिलों की स्थापनाका जिक्र करते हुए कहा कि 1956 में राज्य में 26 जिले थे और लगभग 70 साल में सात नये जिले बने और अभी उन्हें 19 नए जिले बनाने पड़े हैं। गहलोत ने कहा कि प्रदेश के अंदर प्रशासन की इकाई जितनी छोटी होगी, उतना ज्यादा सुशासन होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने काम के लिये जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 100 से 125 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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