सरकार गौ रक्षकों के मसले पर चर्चा कराने को तैयार: अनंत
![Government is ready to debate on lynching issues: Ananth Kumar Government is ready to debate on lynching issues: Ananth Kumar](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017072716071184.jpg)
राजग सरकार ने कहा है कि वह गौ रक्षकों द्वारा लोगों की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या किए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा करने के लिए तैयार है।
राजग सरकार ने कहा है कि वह गौ रक्षकों द्वारा लोगों की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या किए जाने के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा करने के लिए तैयार है। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाए जाने पर यह बात कही। उन्होंने खड़गे के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि सरकार चर्चा से मना नहीं कर रही है और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।
शून्यकाल में खड़गे ने यह मामला उठाया और कहा कि उन्होंने नियम 193 और कार्य स्थगन के प्रस्ताव के तहत इस मामले पर चर्चा कराने की मांग रखी लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भी उन्होंने मुलाकात की थी तो स्पीकर ने भी उनसे कहा था कि उनकी ओर से कोई बाधा नहीं है, केवल सरकार को समझाएं। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि उनके शब्दों को कांग्रेस नेता घुमाएं नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि सरकार भी तैयार है और मिल कर तय करें कि कब चर्चा करनी है।
खड़गे ने कहा कि राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है और इस पर राष्ट्र्रीय अखबारों में संपादकीय लिखे जा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि लोगों को पीट पीट कर मार डालना एक गंभीर मुद्दा है और सदन को इस पर तत्काल चर्चा करनी चाहिए। माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि देश में दहशत का माहौल है और 50 लोग मारे गए हैं। अगर हम इस मसले पर सदन में चर्चा नहीं करेंगे तो कहां करेंगे। उन्होंने कहा कि वह कई बार इस बारे में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे चुके हैं और यदि स्थगन प्रस्ताव के नोटिस का कोई मतलब नहीं है तो उसे लोकसभा की नियम पुस्तिका से ही निकाल दीजिए।
अध्यक्ष ने हालांकि सलीम से कहा कि वह इस प्रकार तैश में आकर बात नहीं करें और आसन को चुनौती नहीं दें। उन्होंने साथ ही कहा कि आज दोपहर बाद एक बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक है और उसमें सभी पक्ष मिलकर तय कर लें कि इस विषय पर सदन में चर्चा कब करानी है।
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