कश्मीर के मुसलमानों के अल्पसंख्यक दर्जे पर बात करें सरकारेंः SC

[email protected] । Mar 27 2017 2:51PM

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं जम्मू कश्मीर सरकार से आज कहा कि वे राज्य में मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने या नहीं दिए जाने के सवाल पर बैठकर आपस में बात करें।

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र एवं जम्मू कश्मीर सरकार से आज कहा कि वे राज्य में मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने या नहीं दिए जाने के सवाल समेत विवादित मुद्दों पर बैठकर आपस में बात करें और इस बात पर फैसला लें। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने दोनों सरकारों से मामला सुलझाने और चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट जमा करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है। आप दोनों एक साथ बैठें और इस पर कोई एक रुख अपनाएं।’’ न्यायालय ने पिछले महीने इससे संबंधित एक जनहित याचिका के संबंध में अपना जवाब दायर नहीं करने पर केंद्र पर 30,000 रुपए जुर्माना लगाया था। याचिका में आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर में बहुसंख्यक मुसलमान अल्पसंख्यक के लिए निर्धारित लाभ उठा रहे हैं। न्यायालय ने केंद्र को अपना जवाब दायर करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है।

न्यायालय ने केंद्र के वकील को जुर्माना जमा करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दायर करने की अनुमति दी थी। उसने यह भी कहा था कि इसी वजह से पिछली बार भी 15,000 रुपए जुर्माना लगाया गया था। इससे पहले अदालत ने इस याचिका के संबंध में केंद्र, राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को नोटिस जारी किए थे। जम्मू निवासी वकील अंकुर शर्मा ने याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले लाभ वे मुसलमान उठा रहे हैं जो जम्मू कश्मीर में बहुसंख्यक हैं।

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