सरकार को कृषि कानूनों पर पवार, बादल से विचार-विमर्श करना चाहिए था: प्रफुल्ल

Praful

यह (किसानों का प्रदर्शन) केंद्र सरकार की विफलता है। सरकार को शुरुआती चरण में ही किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी और नये कानून लाने से पहले सोचना चाहिए था। मेरा मानना है कि सरकार को (राकांपा प्रमुख) शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री), एच डी देवगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री) जैसे नेताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए था।

नागपुर। राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने नये कृषि कानून बनाते समय अगर शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा जैसे नेताओं से विचार-विमर्श किया होता तो किसानों के प्रदर्शन से बचा जा सकता था। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की ओर कूच किया जिसके बाद उनका पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह (किसानों का प्रदर्शन) केंद्र सरकार की विफलता है। सरकार को शुरुआती चरण में ही किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी और नये कानून लाने से पहले सोचना चाहिए था। मेरा मानना है कि सरकार को (राकांपा प्रमुख) शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री), एच डी देवगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री) जैसे नेताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद सरकार को नये कृषि विधेयकों में खामियों का पता चलता। अगर ये चीजें पहले की जातीं तो विधेयकों का विरोध नहीं होता।’’ 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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