हेलीकॉप्टर घोटाला: अदालत ने ED और CBI अधिकारियों के खिलाफ मिशेल की याचिका खारिज की
मिशेल ने अदालत से पूर्व अनुमति के बिना जेल में एजेंसियों के अधिकारियों के प्रवेश के मामले में अदालत से जांच की मांग की थी। उसने आरोप लगाया कि एजेंसी के अफसरों ने 22 अक्टूबर को तिहाड़ में एक ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास अधिकारी के दौरे के समय उसके सामान की तलाशी ली।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मामले में गिरफ्तार बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की एक अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें उसने अदालत की अनुमति के बिना तिहाड़ जेल में उससे ईडी तथा सीबीआई अधिकारियों के मिलने के मामले में जांच की मांग की थी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा, ‘‘मुझे ईडी-सीबीआई के अधिकारियों की तरफ से कोई गैरकानूनी बात नजर नहीं आती जिन्होंने आरोपी को राजनयिक पहुंच दिलाने के लिए विदेश मंत्रालय के निर्देश पर 22 अक्टूबर, 2019 को तिहाड़ जेल का दौरा किया।’’
मिशेल ने अदालत से पूर्व अनुमति के बिना जेल में एजेंसियों के अधिकारियों के प्रवेश के मामले में अदालत से जांच की मांग की थी। उसने आरोप लगाया कि एजेंसी के अफसरों ने 22 अक्टूबर को तिहाड़ में एक ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास अधिकारी के दौरे के समय उसके सामान की तलाशी ली। आवेदन में ईडी तथा सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की गयी। अदालत ने पहले इस मामले में जेल के अधिकारियों को रिपोर्ट देने को कहा था।
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एजेंसियों ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि यह विचारणीय नहीं है। उन्होंने कहा कि मिशेल अपने गुप्त मकसद से एजेंसियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। दुबई से प्रत्यर्पित मिशेल को प्रवर्तन निदेशालय ने 22 दिसंबर, 2018 को 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़े घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। मिशेल को पांच जनवरी को ईडी के मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वह घोटाले से संबंधित सीबीआई के मामले में भी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।
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