उच्च न्यायालय ने कहा, नौकरशाहों और केजरीवाल के बीच गतिरोध खत्म हुआ

High court adjourned the deadlock over between bureaucrats and Kejriwal
[email protected] । Jun 22 2018 3:10PM

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाल के धरना और आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाल के धरना और आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। न्यायमूर्ति एके चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि गतिरोध खत्म हो गया है। अब कोई जल्दी नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या वे अपनी - अपनी याचिकाएं वापस लेना चाहते हैं। 

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्दर गुप्ता समेत सभी याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने अपने - अपने बिंदू उठाए हैं और वे उसे आगे बढ़ाना चाहेंगे। इसके बाद अदालत ने सभी मामलों पर तीन अगस्त को सुनवाई करने का निश्चय किया। उच्च न्यायालय में इस सिलसिले में दो याचिकाएं हैं। एक भाजपा नेता गुप्ता की है जो उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में केजरीवाल , उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्दर जैन के हाल के धरने के खिलाफ है। 

दूसरी याचिका अधिवक्ता हरि नाथ राम की है। यह भी केजरीवाल की हड़ताल के खिलाफ है। उन्होंने 18 जून को अंतरिम आदेश पारित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के इनकार के बाद उच्चतम न्यायालय में भी एक याचिका दायर की है। उच्चतम न्यायालय संभवत: इसपर जुलाई में सुनवाई करे। केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने आईएएस अधिकारियों को उपराज्यपाल से अपनी ‘‘हड़ताल ’’ खत्म करने के निर्देश देने की मांग के समर्थन में 11 जून से धरना शुरू किया था। 18 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसपर सवाल खड़ा किया जिसके दूसरे दिन हड़ताल वापस ले ली। 

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