गुरु पर्व पर किसानों की ऐतिहासिक जीत, कोई भी सरकार फिर कभी ऐसे कानून ना बनाए: शिअद प्रमुख

Parkash Singh Badal

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के बाद, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘‘ लोकतांत्रिक सरकारों के इतिहास में यह पहली बार था, जब हितधारकों की राय लिए बिना कठोर और क्रूर कानून बनाए गए।’’

नयी दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की केन्द्र की घोषणा का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार फिर कभी ‘‘ इतने क्रूर और असंवेदनशील कानून’’ ना बनाए। बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘ गुरु पर्व पर किसानों की ऐतिहासिक जीत, इतिहास में दर्ज होने वाला पल।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के बाद, बादल ने कहा, ‘‘ लोकतांत्रिक सरकारों के इतिहास में यह पहली बार था, जब हितधारकों की राय लिए बिना कठोर और क्रूर कानून बनाए गए।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘ कोई भी सरकार फिर कभी इतने क्रूर और असंवेदनशील कानून ना बनाए।’’ ‘‘किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को शहीद’’ बताते हुए बादल ने कहा, ‘‘ इन बहादुर योद्धाओं की मृत्यु तथा लखीमपुर खीरी जैसी शर्मनाक और पूरी तरह से टाली जा सकने वाली घटनाएं इस सरकार के चेहरे पर हमेशा एक काला धब्बा बनी रहेंगी।’’ गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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