Corona और AES के दोहरे खतरे से घिरा बिहार, कैसे निपटेंगे नीतीश कुमार!
बिहार अब दो संक्रामक बीमारियों की दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 15 हो चुकी है तो वहीं मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार बीमारी से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गयी है।
बिहार कईयों के लिए गौरवशाली अतीत का प्रदेश और कईयों के लिए एक ऐसा प्रदेश जो सिर्फ अतीत को ढोता है। मानव संसाधन की दृष्टि से बिहार देश का एक महत्वपूर्ण राज्य है। लेकिन बिहार अब दो संक्रामक बीमारियों की दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 15 हो चुकी है तो वहीं मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार बीमारी से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गयी है। जानकारी के मुताबिक, एईएस से पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी कल यानि रविवार को मौत हो गई तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के अबतक बिहार में 15 केस पॉजिटिव पाए गए हैं।
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पहले जब खबर आई कि यहां कोरोना वायरस का एक भी मरीज नहीं तो लोग खुश हुए। लेकिन फिर खबर आई कि पटना मेडिकल कालेज और अस्पताल (पीएमसीएच) में एक 38 साल के जवान कि कोरोना वायरस के चलते मौत हो गई तो सबके कान खड़े हो गए। इसके बाद लगातार एक के बाद एक कई केस सामने आए। बार-बार विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि है कि केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ाई में देरी की और सरकार के पास उचित व्यवस्था नहीं है। बिहार को लेकर भी यही बात कही जा रही है।
कोरोना वायरस के कारण देश भर में घोषित लॉकडाउन के दौरान तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य बिहार में इस वक़्त क्या चल रहा है ये सवाल बिहार से जुड़े लगभग सभी लोगों के जेहन में आ रहा होगा। आपको बताते है कोरोना से जंग के लिए बिहार सरकार की तैयारियों और अब तक के उठाए कदमों से रूबरू करवाते हैं।
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सरकार की क्या हैं तैयारियां?
100 करोड़ का पैकेज: बिहार के निवासियों को जो बिहार के किसी शहर में या बिहार से बाहर किसी दूसरे शहर में फंसे हैं उनको वहीं पर भोजन और आवास के लिए सरकार की तरफ़ से 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को प्रोत्साहन: बिहार में भी कोरोना वायरस का प्रकोप है। इसी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को 1 माह का प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है। यह राशि वेतन के अलग से दिया जाएगा।
जरूरी सामान की कीमत तय: बिहार के हर जिले में खाने-पीने और ज़रूरी सामानों के दाम तय कर दिए गए हैं। डीएम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे पैनिक बाइंग को रोकें और यह भी सुनिश्चित करें कि तय कीमत पर हर नागरिक तक सामान पहुंचे।
मुफ्त राशन: सरकार ने राशन कार्ड धारी परिवारों को 1 महीने का राशन मुफ्त में देने की घोषणा की है। इसके अलावा वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन के तहत सभी को 3 महीने की पेंशन तत्काल अग्रिम तौर पर दी जाएगी।
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क्वरंटीन सेंटर: बाहर से आए ऐसे लोगों को जिन्हें रखने से स्थानीय लोग संकोच कर रहे हैं, उनके लिए निकटवर्ती स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में जांच से पहले रखने के लिए अस्थायी रूप से क्वरंटीन सेंटर बनाया गया है, वे वहां जाकर जांच करा सकते हैं। बिहार में विदेशो से आए करीब 5500 लोगों की पहचान कर उन्हें क्वॉरनटीन किया गया, साथ ही उनकी जांच भी की जा रही है।
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विधायक निधि से 7 करोड़: सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में कोरोना वायरस से निपटने के लिए गठित फंड में विधायक निधि से 7 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।
एनएमसीएच कोरोना स्पेशलिस्ट अस्पताल घोषित: कोरोना के मरीजों से निपटने के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज को कोरोना स्पेशलिस्ट अस्पताल घोषित किया गया। एनएमसीएच बिहार का बड़ा अस्पलात है। बिहार में जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखते हैं, उनमें से ज्यादातर लोगों को यहीं रखा जाता है।
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आपदा सीमा राहत शिविर: देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने में फैले बिहार के कामगार हर हाल में अपने राज्य लौटना चाहते हैं। लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से इनके सामने आवागमन की समस्या है। दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर हजारों मजदूर अपने घरों को जाने के लिए उमड़ पड़े थे. इससे यहां अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी। राज्य के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को 'आपदा सीमा राहत शिविर' बनाने के निर्देश दिए। ये शिविर नेपाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सटे जिलों में बनाए जाएंगे। इन कैंपों में खाने और सोने के अलावा लोगों को मेडिकल सुविधाएं भी दी जाएंगी।
हाथ जोड़कर लोगों को समझा रही पुलिस: बिहार पुलिस की छवि ऐसी बन गई है जैसे कि लाठी-डंडे के बिना लोगों को समझाना मुश्किल है। हालांकि, बिहार पुलिस का एक मानवीय चेहरा भी लोगों के सामने है, जहां अनावश्यक सड़क पर उतरने वाले लोगों के ऊपर बल प्रयोग न कर उन्हें हाथ जोड़कर समझाया जा रहा है और वापस अपने घर भेजा जा रहा है।
बिहार में फिर चमकी बुखार का प्रकोप
कोरोना से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच बिहार में एक नई मुसीबत दस्तक दे रही है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट एंसिफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से एक बच्चे की मौत हो गई है। पिछले साल इस बीमारी ने प्रदेश में करीब 200 बच्चों की जान ले ली थी। चमकी बुखार से निपटने के लिए पीएचसी लेवल पर भी पीआईसीयू वार्ड खोला गया है। बच्चों से जुड़ी ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए 100 बेड का पेडियाट्रिक आईसीयू बन रहा है।
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