कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर पहले इम्तिहान में नड्डा कितने रहे सफल

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अभिनय आकाश । Oct 24 2019 2:31PM

जेपी नड्डा की अग्नि परीक्षा महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में होनी थी। जिसके आधार पर उनके सांगठनिक कौशल को भी परखा जाना था। नतीजें सामने आ गए हैं और जहां एक तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की है वहीं हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी की वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है। हरियाणा के आए परिणाम ने भाजपा में सियासी माथापच्ची जारी है

लोकसभा चुनाव 2019 के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से एक बार मोदी सरकार ने सियासी सफलता के नए कीर्तिमान अर्जित किए। जिसके बाद नवगठित मोदी मंत्रीमंडल में बीजेपी के चाणक्य अमित शाह की एंट्री हुई और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जगत प्रकाश नड्डा की ताजपोशी हुई। कुशल रणनीतिकार होने के साथ ही नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं। नड्डा की अग्नि परीक्षा महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में होनी थी। जिसके आधार पर उनके सांगठनिक कौशल को भी परखा जाना था। नतीजें सामने आ गए हैं और जहां एक तरफ महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की है वहीं हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी की वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है। हरियाणा के आए परिणाम ने भाजपा में सियासी माथापच्ची जारी है। हरियाणा विधानसभा चुनावों में बहुमत से दूर रहने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने इस्तीफा दे दिया है।

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टोहाना से चुनाव लड़ने वाले बराला खुद भी वोटों से पीछे चल रहे हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रवाद को कोर एजेंडे में रखकर चुनाव लड़ने की भाजपा की रणनीति महाराष्ट्र में तो सफल रही लेकिन हरियाणा में यह कारगर सिद्ध नहीं हो पाया। नतीजतन हरियाणा में भाजपा 75 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी 45 सीटों के बहुमत के आंकड़ें तक भी नहीं पहुंच पाई है। हरियाणा में रैली और कई रोड शो करने वाले जेपी नड्डा भी मनोहर सरकार की सत्ता में वापसी कराने में कामयाब नहीं हो पाए। बीजेपी के हरियाणा में प्रदर्शन का आलम यह रहा कि खट्टर सरकार में मंत्री रहे कई बड़े नाम अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं।

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इन सब के बीच जेपी नड्डा ने दिल्ली मुख्यालय में बैठक बुलाई है, इसमें मुख्यमंत्री खट्टर को भी तलब किया गया है। भाजपा के भीतर चुनावी प्रबंधन को लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पांच वर्षो तक खट्टर साहब ने शानदार काम किया है। मुझे लगता है हम अपनी बात जनता तक सही ढंग से नहीं पहुंचा पाए हैं। हमारा इलेक्शन मैनेजमेंट सही से काम नहीं कर पाया है। वैसे तो नड्डा को संगठन का व्यापक अनुभव है, लेकिन विधानसभा चुनाव में एक राज्य गंवाने के बाद क्या नड़्डा के अध्यक्ष पद की राह मुश्किल हो जाएगी? 

 

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