दुश्मनों की योजनाओं को परास्त करने के लिए 'ह्यूमन इंटेलिजेंस' की होगी तैनाती, सीमावर्ती इलाकों पर होगा 'टू इन वन' काम

अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी), नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की चौकसी को और बेहतर बनाने के लिए और दुश्मनों पर नजर रखने के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस को मजबूत किया जाएगा ताकि एजेंसियों के पास दुश्मनों की पूरी जानकारी उपलब्ध रहे।
नयी दिल्ली। दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए और अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए 'ह्यूमन इंटेलिजेंस' की नई टीम खड़ी की जाएगी और यह टीम 'टू इन वन' का काम करेगी। दरअसल, यह टीम दुश्मन पर नजर रखने के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों में चल रही विकास परियोजनाओं में मदद करेगी।
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PM मोदी ने भी सम्मेलन में लिया था हिस्सा
आपको बता दें कि, पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) के सम्मेलन में 'टू इन वन' मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, तीन दिवसीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय पुलिस बलों के महानिदेशकों और 350 अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।ह्यूमन इंटेलिजेंस को किया जाएगा मजबूतअंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी), नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की चौकसी को और बेहतर बनाने के लिए और दुश्मनों पर नजर रखने के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस को मजबूत किया जाएगा ताकि एजेंसियों के पास दुश्मनों की पूरी जानकारी उपलब्ध रहे।इसे भी पढ़ें: श्रीनगर में मौसम का मजा लेने आ रहे पर्यटक, भयंकर ठंड से गर्म कपड़ों और कांगड़ी की माँग बढ़ी
16 हजार सीमावर्ती गांव संभालेंगे मोर्चा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ऐसे सीमावर्ती इलाकों में ह्यूमन इंटेलिजेंस काम करेगा, जहां पर सुरक्षाकर्मियों नियमित तौर पर गश्त नहीं कर पाते हैं और उन इलाकों में सर्विलांस उपकरणों से निगरानी रखी जाती है। 16 हजार सीमावर्ती गांव इसका मोर्चा संभालेंगे। ह्यूमन इंटेलिजेंस आईबी, एलओसी और एलएसी के 10 किमी के दायरे में अपनी योजना को अंजाम देगा।केंद्र सरकार इन 16 हजार सीमावर्ती गांव के लिए राज्यों के साथ मिलकर 'सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम' चलाती है और यही गांव अब 'ह्यूमन इंटेलिजेंस' का मोर्चा संभालेंगे।119 सीमावर्ती जिलों का होगा विकासकेंद्र सरकार ने 16 राज्यों के 119 जिलों का चयन किया गया है। जिनकी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी हुई है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।इसे भी पढ़ें: हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए नागरिकों के परिवारों से मनोज सिन्हा को माफी मांगनी चाहिए: महबूबा
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त कर इसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों का स्वरूप प्रदान कर दिया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की विकास योजना के लिए अलग से बजट जारी किया जाता है। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में अब दो हजार नए गांव भी शामिल किए जा चुके हैं।
Took part in the DGP/IGP conference in Lucknow. This is an important forum in which we are having extensive deliberations on modernisation of our police set-up. pic.twitter.com/zag1ZRbfSb
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2021
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