निजी कंपनियों में काम करने वाले दलितों की आवाज बनना चाहता हूं: मेवानी
![I want to be the voice of Dalits working in private companies: Mewani I want to be the voice of Dalits working in private companies: Mewani](https://images.prabhasakshi.com/2018/4/_650x_2018042020521733.jpg)
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने आज कहा कि वह आरक्षण की झंडाबरदारी करने की बजाय निजी कंपनियों में काम करने वाले दलितों, स्वच्छता कर्मचारियों और भूमिहीन कृषि मजदूरों की आवाज बनना चाहते हैं।
नयी दिल्ली। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने आज कहा कि वह आरक्षण की झंडाबरदारी करने की बजाय निजी कंपनियों में काम करने वाले दलितों, स्वच्छता कर्मचारियों और भूमिहीन कृषि मजदूरों की आवाज बनना चाहते हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में एक विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए यह टिप्पणी की। दलित कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘अपनी अंबेडकरवादी या मार्क्सवादी प्रवृत्ति बढ़ने के साथ मुझे यह जरूरत महसूस हुई कि मैं खुद से यह बात दोहराऊं कि आरक्षण की झंडाबरदारी करने की बजाय, मुझे इस देश की निजी कंपनियों एवं कारखानों में काम करने वाले दलित मजूदरों की आवाज बनना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर और जागरूक हो गया हूं कि आरक्षण से कहीं ज्यादा मुझे सीवर में घुसने वाले स्वच्छता कर्मचारियों एवं भूमिहीन कृषि मजदूरों की बात करनी चाहिए।’’ मेवानी ने कहा, ‘‘अलग अलग विचारधाओं के बावजूद इस समय संविधान, किसान, दलित मजदूर, आदिवासी और शिक्षक इतने गंभीर संकट से जूझ रहे हैं कि हमें साथ आने की जरूरत है।’’ दिल्ली यूनिवर्सिटी फोरम फोर सोशल जस्टिस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जदयू के बागी नेता शरद पवार एवं अली अनवर, समाजवादी पार्टी के सांसद धमेंद्र यादव और उत्तर भारत के विश्वविद्यालयों के छात्र संघ नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
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