एंटीबॉडी आधारित त्वरित रक्त जाँच शुरू कराये सरकारः ICMR DG

balram bhargava

बलराम भार्गव ने स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘रियल टाइम आरटी पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) का उपयोग करते हुए कोविड-19 के लिए समग्र जांच बढ़ रही है और हम निकट भविष्य में पूरी क्षमता हासिल कर लेंगे।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) महानिदेशक ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये एंटीबॉडी-आधारित त्वरित रक्त जांच शुरू करने के परामर्श का प्रसार करने को कहा है। एंटीबॉडी-आधारित त्वरित रक्त जांच के नतीजे 15-30 मिनट में आ जाते हैं। आईसीएमआर ने शनिवार को उन क्षेत्रों में एंटीबॉडी आधारित त्वरित रक्त जांच शुरू करने का परामर्श जारी किया, जो अत्यधिक प्रभावित हैं और जहां बाहर से बड़ी संख्या में प्रवासी पहुंचे हैं।

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आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘रियल टाइम आरटी पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) का उपयोग करते हुए कोविड-19 के लिए समग्र जांच बढ़ रही है और हम निकट भविष्य में पूरी क्षमता हासिल कर लेंगे। साथ ही, हम कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर उपयोग के लिए ‘रैपिड टेस्ट किट’ (रक्त आधारित) के वितरण की उम्मीद कर रहे हैं।’’

राष्ट्रीय कार्यबल ने इन ‘रैपिड टेस्ट किट’ के उपयोग के बारे में विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया और सुझाए गए नियम-कायदे के मसौदे पर स्वास्थ्य मंत्रालय के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ विस्तार से चर्चा भी की गई। निष्कर्षों को अंतिम स्वरूप में शामिल किया गया जो क्षेत्र में क्रियान्वित किये जाने के लिये व्यावहारिक हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों और जहां प्रवासी बड़ी संख्या में आये हैं, वहां कोविड-19 के लिए एंटीबॉडी-आधारित त्वरित रक्त जांच शुरू करने का परामर्श अब आईसीएमआर की वेबसाइट पर उपलब्ध है। भार्गव ने कहा, ‘‘इसे क्रियान्वयन के लिए सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा जा सकता है, इसके साथ संचालन दिशानिर्देशों और भूमिकाओं तथा जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए।’’

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उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट संबंधित इकाइयों द्वारा आईसीएमआर पोर्टल पर दर्ज की जा सकती है। परामर्श में कहा गया है, "स्वास्थ्य इकाइयों में इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों के मामलों की निगरानी की जानी चाहिए। मामलों में किसी भी बढ़ोतरी की निगरानी की जानी चाहिए और इसे निगरानी अधिकारी या सीएमओ के ध्यान में लाया जाना चाहिए।" परामर्श में कहा गया है कि पर्याप्त सावधानी के तौर पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लक्षण वाले सभी व्यक्तियों को 14 दिनों के लिए पृथकवास में रहने की सलाह दी जानी चाहिए। यदि एंटीबॉडी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो जरूरी होने पर इसकी पुष्टि गले / नाक से नमूने लेकर रियल टाइम आरटी-पीसीआर द्वारा की जा सकती है। वर्तमान समय में, सरकार आरटी-पीसीआर (पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) जांच का उपयोग ऐसे व्यक्तियों के गले या नाक के नमूनों से कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए करती है जिनमें इसके लक्षण हों, या जिनके ऐसे रोगी के सम्पर्क में आने के बाद इससे संक्रमित होने का संदेह हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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