विधानसभा क्षेत्र में गांव नहीं है तो नजदीकी ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के गांव को गोद ले सकते हैं विधायक

Deputy Chief Minister Dushyant Chautala

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में 8 अप्रैल 2020 को निर्णय लिया गया कि विधायक आदर्श ग्राम योजना को कुछ समय के लिए लंबित रख दिया जाए। फिर भी मुख्यमंत्री के निर्णय 21 अगस्त 2020 के अनुसार विधायकों द्वारा वर्ष 2019-20 में पहले से चयनित किए गए विकास कार्यों के लिए धनराशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से स्वीकृत की जा रही है।

चंडीगढ़ । हरियाणा में शहरी विधानसभा क्षेत्र का विधायक ‘विधायक आदर्श ग्राम योजना’ के तहत विकास के लिए अपने नजदीकी ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के किसी गांव का चयन कर सकता है। यह जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी।

 

डिप्टी सीएम ने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा 26 दिसंबर 2018 को निर्णय लिया गया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए प्रति वर्ष गांव की जनसंख्या के आधार पर 2 करोड़ रूपए तक की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक विधायक 5,000 तक की आबादी वाले गांव के लिए 50 लाख रूपए, 5 से 10 हजार आबादी तक वाले गांव के लिए एक करोड़ रूपए तथा 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांव के लिए 2 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।

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दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में 8 अप्रैल 2020 को निर्णय लिया गया कि विधायक आदर्श ग्राम योजना को कुछ समय के लिए लंबित रख दिया जाए। फिर भी मुख्यमंत्री के निर्णय 21 अगस्त 2020 के अनुसार विधायकों द्वारा वर्ष 2019-20 में पहले से चयनित किए गए विकास कार्यों के लिए धनराशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से स्वीकृत की जा रही है। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर 2021 को वर्ष 2019-20 की लंबित राशि जारी करने बारे अनुमति दे दी है।

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