आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 15 अक्टूबर तक पूरी क्षमता से काम करने का निर्देश

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संयंत्रों को पूरी क्षमता से संचालित करने की समयसीमा एक नवंबर, 2023 से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दी थी। फरवरी, 2023 में बिजली की मांग में अचानक बढ़ने के कारण किसी भी कटौती से बचने के लिए मंत्रालय ने बिजली अधिनियम 2003 की धारा-11 लागू की थी।

बिजली मंत्रालय ने देश में बढ़ती मांग के बीच बिजली की कमी से बचने के लिए आयातित कोयले का उपयोग करने वाले सभी ताप विद्युत संयंत्रों को 15 अक्टूबर त्यानी अगले साढ़े तीन महीने तक पूरी क्षमता पर काम करने को कहा है।

मंत्रालय ने इस साल गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में 260 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया है। सितंबर, 2023 में अधिकतम बिजली की मांग 243 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल गर्मियों में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान लगाया है। बिजली मंत्रालय के 12 अप्रैल के एक नोटिस में 15 आयातित कोयला-आधारित ताप बिजली परियोजनाओं को कहा गया, ‘‘ अब आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों वाली उत्पादन कंपनियों के लिए धारा-11 निर्देश की समय अवधि को 15 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।’’

मंत्रालय ने अक्टूबर, 2023 में इन आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को पूरी क्षमता से संचालित करने की समयसीमा एक नवंबर, 2023 से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दी थी। फरवरी, 2023 में बिजली की मांग में अचानक बढ़ने के कारण किसी भी कटौती से बचने के लिए मंत्रालय ने बिजली अधिनियम 2003 की धारा-11 लागू की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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