सरकारी सेवा में रहते हुए हिजबुल मुजाहिदीन संस्थापक के दोनों बेटों ने कई बार टेरर फंडिंग में की मदद

Hizbul chief
अभिनय आकाश । Jul 13 2021 11:18PM

अधिकारियों ने बताया कि एसकेआईएमएस में कार्यरत शकील और एग्रीकल्चर विभाग में कार्यरत शाहिद, सलाहुद्दीन के करीबी एजाज अहमद भट उर्फ ​​एजाज मकबूल भट से कथित तौर पर आतंकी फंड प्राप्त कर रहे थे।

आतंकवादी संगठनों के साथ कथित तौर पर काम करने को लेकर बीते दिनों जम्मू कश्मीर में करीब 11 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त कर्मचारियों में हिजबुल मुजाहिदीन के संस्थापक सैयद सलाहुद्दीन के बेटे भी शामिल हैं। सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ भी आतंकी फंडिंग में शामिल थे। केंद्रीय जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार दोनों ने सरकारी सेवा में रहते हुए क्रमशः छह और नौ मौकों पर आतंकी फंडिंग में मदद पहुंचाया था।

सऊदी में कई स्थानों से फंड प्राप्त करने के लिए अलग-अलग पहचानों का किया इस्तेमाल 

अधिकारियों ने बताया कि एसकेआईएमएस में कार्यरत शकील और एग्रीकल्चर विभाग में कार्यरत शाहिद, सलाहुद्दीन के करीबी एजाज अहमद भट उर्फ ​​एजाज मकबूल भट से कथित तौर पर आतंकी फंड प्राप्त कर रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ऐजाज़ 1990 में पाकिस्तान चला गया था और अब जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल को धन इकट्ठा करने और स्थानांतरित करने की जिम्मेदारी निभा रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को आतंकी संबंधों से मुक्त करने की कवायद के तहत सरकारी सेवा से बर्खास्त किए गए शकील और शाहिद ने सऊदी अरब में कई स्थानों से आतंकी फंड प्राप्त करने के लिए कई पहचानों का इस्तेमाल किया।

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पिता की सजा बच्चों को क्यों?

बता दें कि जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि 11 सरकारी कर्मचारियों को ‘‘मामूली आधारों’’ पर बर्खास्त करना अपराध है और केंद्र संविधान को “रौंदकर छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में” जम्मू-कश्मीर के लोगों को “नि:शक्त” बना रहा है। महबूबा ने कहा कि पिता के किए के लिए बेटों को नहीं सताया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि बिना जांच के उन लोगों को हटाया गया।

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एक जांच अधिकारी ने दावा किया कि 2007 में कृषि विभाग के पिछले दरवाजे से नियुक्त शाहिद ने 1999-2000 में एक पासपोर्ट पर दुबई गए थे, जिसमें सैयद सलाहुद्दीन के मूल नाम सैयद मोहम्मद यूसुफ के बजाय उनके पिता का नाम यूसुफ मीर बताया गया था। उसके साथ हिजबुल मुजाहिदीन का कथित आतंकी नासिर मीर भी था जो दुबई में रहता है। यात्रा के दौरान शाहिद कथित तौर पर अपने पिता सलाहुद्दीन से भी मिला था। वह नज़ीर अहमद कुरैशी से भी मिला, जो मूल रूप से बारामूला का रहने वाला है, लेकिन अब कथित तौर पर सऊदी अरब और लंदन से अपने हवाला सिंडिकेट को संचालित करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करता है। सूत्र ने दावा किया कि शकील की आतंकी गतिविधियों का खुलासा तब हुआ जब एनआईए ने एक आतंकी फंडिंग मामले को अपने हाथ में ले लिया, जिसकी मूल रूप से दिल्ली पुलिस जांच कर रही थी। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि शकील ने 2009-10 में ऐजाज अहमद भट से 6 मौकों पर पैसे लिए थे। 

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