भारत ‘सांप्रदायिकता की प्रयोगशाला’ बन गया: कन्हैया

पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को नरेंद्र मोदी सरकार के पीछे की ताकत करार देते हुए जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने देश को ‘‘सांप्रदायिकता और दलित विरोधी नीतियों की प्रयोगशाला’’ में बदल कर रख दिया है। प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स असोसिएशन के बैनर तले इकट्ठा हुए छात्रों की एक सभा को रविवार को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री हैं और आरएसएस उनकी ताकत है। उन्होंने देश को सांप्रदायिकता और दलित विरोधी नीतियों की प्रयोगशाला में बदल कर रख दिया है। सामाजिक बराबरी और जातिवाद को खत्म करने की बात करने वाली हमारी विचारधारा के बारे में जब हम बात करते हैं तो आप डरते क्यों हैं?’’
जेट एयरवेज के विमान में खुद पर हुए कथित हमले के बाद भारी पुलिस सुरक्षा में यहां पहुंचे कन्हैया ने जोर देकर कहा कि वह ऐसे हमलों से डरने वाले नहीं हैं। कन्हैया ने कहा, ‘‘पुलिस यह कहकर झूठ बोल रही है कि सुबह जो कुछ हुआ वह सीट को लेकर हुआ झगड़ा था। मुंबई की लोकल ट्रेनों में सीट का झगड़ा होता है, विमानों में नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमलावरों के खिलाफ मामले नहीं दर्ज कराना चाहता क्योंकि वे भी हमारे ही लोग हैं और उन्हें उकसाया गया है। लेकिन मैं इन चीजों से डरूंगा नहीं।’’ गौरतलब है कि विमान में हुई घटना के कारण कन्हैया को सड़क के रास्ते पुणे आना पड़ा।
‘भारत माता की जय’ के नारों और योग गुरु रामदेव के बयानों का हवाला देते हुए कन्हैया ने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर ‘भारत माता की जय’ बोलेंगे, लेकिन आपको इस पर एकाधिकार किसने दिया?’’ 29 साल के जेएनयू छात्र ने आरोप लगाया कि ‘भारत माता’ की प्रकृति को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले भारत माता एक हाथ में अनाज रखती थी और दूसरे हाथ में तिरंगा रखती थी। अब तिरंगे की जगह भगवा ने ले ली है। ये लोग राष्ट्रीय ध्वज को बदल देंगे। उन्हें राष्ट्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है। वे एक धर्म और एक संस्कृति को बढ़ावा देना चाहते हैं।’’ कन्हैया ने कहा कि राष्ट्रवाद की तुलना ‘‘ब्राह्मणवाद’’ से की जा रही है जो देश के लिए खतरे का संकेत देता है।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष ने इस बात को खारिज किया कि देश के छात्रों को प्रधानमंत्री के खिलाफ उकसाया जा रहा है। कन्हैया ने कहा, ‘‘हमें मोदी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। हम अपने अधिकार मांग रहे हैं। हमें रोजगार दीजिए। जब हम लोगों के लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकारों की बात करते हैं तो हमें देशद्रोही करार दे दिया जाता है।’’ एफटीआईआई विवाद पर कन्हैया ने कहा कि आरएसएस सभी राष्ट्रीय संस्थाओं पर नियंत्रण कायम करने की कोशिश कर रहा है और देश के विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता से छेड़छाड़ की जा रही है।
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