भारत एक महत्वपूर्ण डिजिटल शक्ति, डाटा ‘संप्रभुता’ से समझौता नहीं: रवि शंकर प्रसाद
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 7 2020 9:05PM
मंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है और हमें चीजों को लेकर सतर्क रहना होगा। प्रसाद ने कहा कि भारत को दुनिया के लिए एक डाटा शोधन या रिफाइनिंग केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही हमें सॉफ्टवेयर के मोर्चे पर आगे बढ़ने और अपने उत्पाद बनाने की जरूरत है।
मुंबई। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत आज एक ‘महत्वपूर्ण डिजिटल ताकत’ है और डाटा की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रसाद ने हीरानंदानी समूह की कंपनी योट्टा के 1,100 करोड़ रुपये के डाटा केंद्र के शुभारंभ के मौके पर कहा, ‘‘मैं भारत को डाटा शोधन का केंद्र बनाना चाहता हू। इसमें डाटा को साफ-सुथरा करना और डाटा शोध शामिल है। ऐसे करते समय निजता से संबंधित चिंता को ध्यान रखा जाएगा।’’ कुछ दिन पहले की सरकार ने ‘संप्रभुता और सुरक्षा’ चिंता के मद्देनजर चीन से संबंधित 59 ऐप पर रोक लगाई है। इसके एक दिन बाद प्रसाद ने इसे डिजिटल हमला करार दिया था।
प्रसाद ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम देश के डाटा की संप्रभुता से कभी समझौता नहीं कर सकते। भारत एक महत्वपूर्ण डिजिटल शक्ति है, हमारे डाटा की संप्रभुता भी महत्वपूर्ण है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम इससे किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।’’ मंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है और हमें चीजों को लेकर सतर्क रहना होगा। प्रसाद ने कहा कि भारत को दुनिया के लिए एक डाटा शोधन या रिफाइनिंग केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही हमें सॉफ्टवेयर के मोर्चे पर आगे बढ़ने और अपने उत्पाद बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल भारत अभियान की सफलता के बाद भारत को अब डाटा को साफ-सुथरा और प्रसंस्कृत करने के लिए एक बड़ी डाटा रिफाइनरी बनने की जरूरत है। ऐसा करते समय डाटा की निजता की चिंता को ध्यान में रखा जाएगा।’’India holds a great potential to become a vibrant data economy and a good center of data center in the world. Our government is working towards bringing more investments in data centers. pic.twitter.com/Zph1yjvOK8
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) July 7, 2020
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प्रसाद ने कहा कि दुनिया के 20 प्रतिशत इंटरनेट प्रयोगकर्ताभारत में है। लेकिन डाटा की कुल खपत में हमारा हिस्सा मात्र दो प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की बड़ी परियोजनाएं हैं, जिससे सरकार को पिछले कुछ साल के दौरान 1.70 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। प्रत्येक तीन मिनट में तीन करोड़ आधार सत्यापन हो रहे हैं, जिसमें डाटा का सृजन हो रहा है। प्रसाद ने कहा कि भारत में बड़ी मात्रा में डाटा का सृजन हो रहा है, सवाल यह है कि हम उसका इस्तेमाल किस तरह से करें।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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