भारत के पास बाल तस्करी पर रोकथाम के लिए विशिष्ट कानून होना जरूरी: कैलाश सत्यार्थी

Kailash Satyarthi
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मानव तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 के मसौदे को एक ‘मजबूत कानून’ बताते हुए सत्यार्थी ने कहा कि संसद के कई सत्रों में सूचीबद्ध होने के बावजूद इसे अभी तक पेश नहीं किया गया है।

कोलकाता|  नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बृहस्पतिवार को इस बात को लेकर असंतोष जताया कि भारत के पास बाल तस्करी से निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं है।

बाल अधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि भारत में ऐसा कानून होना जरूरी है। उन्होंने राजनीतिक दलों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इस खतरे से निपटने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार करके इसे तत्काल संसद में पारित किया जाए।

मानव तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 के मसौदे को एक ‘मजबूत कानून’ बताते हुए सत्यार्थी ने कहा कि संसद के कई सत्रों में सूचीबद्ध होने के बावजूद इसे अभी तक पेश नहीं किया गया है।

सत्यार्थी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से भारत में मानव तस्करी के खिलाफ कोई विशिष्ट कानून नहीं है। यह विधेयक... सबसे अच्छे कानूनों में से एक है और यह बहुत मजबूत है। मैंने इसे पढ़ा है।’’

वह अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास कोलकाता द्वारा आयोजित दक्षिण एशिया सम्मेलन में ‘साइबर सक्षम मानव तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर काम करें-उभरती चुनौतियां’’ विषय पर बोल रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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