भारत अब खुद को नियम-निर्माता के तौर पर स्थापित करेः तेजस्वी सूर्या

Tejaswi Surya
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भाजपा सांसद ने कहा कि कानूनी और नीतिगत स्तर पर भी भारत के पास देने को बहुत कुछ है और वह वैश्विक दक्षिण के देशों को एक ऐसा ढांचा बनाने में मदद कर सकता है जो उनकी जनसंख्या के पैमाने पर विकास और वित्तीय समावेशन ला सके।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी और नीति के मोर्चे पर तमाम नवाचार करने के बाद भारत को अब खुद को वैश्विक स्तर पर नियम निर्माता के तौर पर स्थापित करना चाहिए।

सूर्या ने यहां ‘डिजिटल एक्सेलेरेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन एक्सपो’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जन-धन, आधार और मोबाइल के मेल से वित्तीय समावेशन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाने में सफल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत मानक निर्धारण सूची में एक वैश्विक आवाज न बनकर मौका गंवा चुका है। मेरे हिसाब से अब समय आ गया है कि भारत खुद को नियम का अनुसरण करने वाले की जगह नियम-निर्माता के रूप में पेश करे। इसके लिए भारत को मानक-निर्धारण निकायों में एक महत्वपूर्ण आवाज बनना अहम है।’’

भाजपा सांसद ने कहा कि कानूनी और नीतिगत स्तर पर भी भारत के पास देने को बहुत कुछ है और वह वैश्विक दक्षिण के देशों को एक ऐसा ढांचा बनाने में मदद कर सकता है जो उनकी जनसंख्या के पैमाने पर विकास और वित्तीय समावेशन ला सके।

उन्होंने एक सहमति प्रबंधक ढांचे का उदाहरण भी दिया जिसकी परिकल्पना देश के डेटा संरक्षण विधेयक में की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को सशक्त बनाने के लिए इसे अन्य देशों के साथ साझा किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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