रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदेगा भारत

[email protected] । Oct 15 2016 4:39PM

यह रक्षा प्रणाली 400 किमी के क्षेत्र में शत्रु के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। पांच एस-400 की खरीद को लेकर भारत और रूस एक वर्ष से बातचीत कर रहे हैं।

बेनौलिम (गोवा)। भारत ने आज घोषणा की कि वह रूस से पांच अरब डॉलर से अधिक मूल्य का एस-400 ‘ट्राइअम्फ’ वायु रक्षा प्रणाली खरीदेगा और कामोव हेलीकॉप्टर बनाने के लिए संयुक्त निर्माण सुविधा की स्थापना के साथ-साथ चार आधुनिक फ्रिगेट के निर्माण के लिए दोनों देश सहयोग करेंगे। यहां आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के बाद इन सौदों की घोषणा की गयी।

लंबी दूरी की रक्षा मिसाइल प्रणाली एस 400 ‘ट्राइअम्फ’ की खरीद को लेकर अंतर-सरकारी समझौता सामरिक दृष्टि से सबसे अहम फैसला है। यह रक्षा प्रणाली करीब 400 किलोमीटर के क्षेत्र में शत्रु के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। करीब पांच एस-400 की खरीद को लेकर भारत और रूस करीब एक वर्ष से बातचीत कर रहे हैं। यह रक्षा प्रणाली क्षेत्र के लिहाज से काफी अहम साबित होगी। यह तीन तरह के मिसाइल छोड़ने, बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली तैयार करने और एक-साथ 36 निशाने साधने में सक्षम है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद भारत चीन के बाद इस प्रणाली को खरीदने वाला दूसरा देश बन गया है। चीन ने पिछले वर्ष करीब तीन अरब डालर का समझौता किया था।

अन्य अहम समझौता चार एडमिरल ग्रिगोरोविच-क्लास (प्रोजेक्ट 11356) गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट को लेकर है। इस सौदे के तहत दो युद्धपोत रूस से आयेंगे और रूस के सहयोग से दो का निर्माण भारत में किया जायेगा। भारतीय शिपयार्ड के चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है। भारत में चीता और चेतक हेलीकॉप्टर का स्थान लेने के लिए 200 कामोव 226टी हेलीकॉप्टर के निर्माण से जुड़ा जटिल समझौता दोनों देशों के बीच किया गया एक और अहम सौदा है।

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