एशियाड में स्वर्ण चूकने का मलाल एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में मिटाने उतरेगी भारतीय महिला हॉकी टीम
हम हर मैच जीतने के इरादे से उतरेंगे। हमारी नजरें पेरिस ओलंपिक 2024 क्वालीफायर पर भी है जो रांची में ही होने हैं। उसकी तैयारी के लिये भी यह टूर्नामेंट अहम है।’’ भारत की मुख्य कोच शॉपमैन ने कहा ,‘‘ ओलंपिक क्वालीफायर से पहले यह टूर्नामेंट काफी अहम है। इससे हमें दूसरी टीमों को आंकने और अपने खिलाड़ियों को परखने का मौका मिलगा।’’ भारत ने 2016 में यह खिताब जीता और 2013 तथा 2018 में उपविजेता रहा। इसके अलावा 2010 में टीम तीसरे स्थान पर रही थी। अन्य मैचों में पहले दिन गत चैम्पियन जापान का सामना मलेशिया से और चीन का दक्षिण कोरिया से होगा।
हाल ही में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक से चूकी भारतीय महिला हॉकी टीम शुक्रवार से यहां शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिये इस मलाल को मिटाना चाहेगी और पहले मैच में उसके सामने थाईलैंड जैसी आसान चुनौती है। हांगझोउ एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में भारत को चीन ने 4 . 0 से हराया लेकिन भारत ने जापान को 2 . 1 से हराकर कांस्य पदक जीता। खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतकर सीधे पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने का लक्ष्य लेकर गई भारतीय टीम के लिये कांस्य निराशाजनक नतीजा रहा। अब एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के जरिये सविता पूनिया की कप्तानी वाली टीम के पास एशियाई खेल चैम्पियन चीन और रजत पदक विजेता कोरिया से हार का बदला चुकता करने का सुनहरा मौका है।
टूर्नामेंट में मेजबान भारत, चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड भाग लेंगे। सभी छह टीमें राउंड रॉबिन लीग चरण में एक दूसरे से खेलेंगी और शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। भारत की मुख्य कोच यानेके शॉपमैन ने अपनी पूरी मजबूत टीम चुनी है। एशियाई खेलों में टीम का हिस्सा रही अनुभवी मिडफील्डर सुशीला चानू चोट के कारण टीम से बाहर हैं। उनकी जगह बलजीत कौर को शामिल किया गया है। वैष्णवी फाल्के और शर्मिला देवी भी बैकअप के तौर पर टीम के साथ जायेंगे। थाइलैंड के बाद भारत को 28 अक्टूबर को मलेशिया से, 30 अक्टूबर को चीन से, 31 अक्टूबर को जापान और दो नवंबर को कोरिया से खेलना है। सेमीफाइनल चार नवंबर को और फाइनल पांच नवंबर को खेला जायेगा। एशियाई खेलों में चीन के खिलाफ मुकाबले से पहले भारत का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।
उस सेमीफाइनल को भुलाकर भारतीय टीम नयी शुरूआत करने के इरादे से उतरेगी। इसके बाद इसी मैदान पर अगले साल ओलंपिक क्वालीफायर भी होने हैं। भारतीय कप्तान सविता ने कहा ,‘‘ इस तरह के टूर्नामेंटों में किसी टीम को हलके में नहीं लिया जा सकता। हम हर मैच जीतने के इरादे से उतरेंगे। हमारी नजरें पेरिस ओलंपिक 2024 क्वालीफायर पर भी है जो रांची में ही होने हैं। उसकी तैयारी के लिये भी यह टूर्नामेंट अहम है।’’ भारत की मुख्य कोच शॉपमैन ने कहा ,‘‘ ओलंपिक क्वालीफायर से पहले यह टूर्नामेंट काफी अहम है। इससे हमें दूसरी टीमों को आंकने और अपने खिलाड़ियों को परखने का मौका मिलगा।’’ भारत ने 2016 में यह खिताब जीता और 2013 तथा 2018 में उपविजेता रहा। इसके अलावा 2010 में टीम तीसरे स्थान पर रही थी। अन्य मैचों में पहले दिन गत चैम्पियन जापान का सामना मलेशिया से और चीन का दक्षिण कोरिया से होगा।
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