इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस: CBI

interpol-issues-red-corner-notice-against-mehul-choks-says-cbi
[email protected] । Dec 13 2018 2:03PM

इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में फरार होने वाले मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। हालांकि, इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है।

नयी दिल्ली। इंटरपोल ने भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। चोकसी अपने भांजे नीरव मोदी के साथ पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में फरार होने वाले चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। उसने तथा उसकी कंपनियों ने बैंक से 7,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी की है।

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी का आरोप, मेहुल चोकसी ने जेटली की बेटी को दिये लाखों रुपये

चोकसी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की सीबीआई की अर्जी के खिलाफ अपील की थी। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।’ सूत्रों ने बताया कि चोकसी ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ मामले राजनीतिक षडयंत्र का नतीजा हैं। उसने भारत में जेल की स्थितियों, अपनी निजी सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सवाल भी उठाए।

सूत्रों ने बताया कि यह मामला इंटरपोल समिति की पांच सदस्यीय अदालत के पास गया। रेड कॉर्नर नोटिस भगोड़े अपराधियों के लिए एक तरह का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अनुरोध करता है। पीएनबी से जाली हलफनामों और विदेशी ऋण पत्रों को जारी कर धोखाधड़ी की गई। सीबीआई ने इस घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किया है।

इसे भी पढ़ें: मेहुल चोकसी कितनी भी सफाई दो, तुम्हारा चेहरा बता रहा है कि बड़ा घोटाला किया है

सीबीआई ने पिछले महीने अपने आरोप पत्र में कहा कि चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये ठगे जो इस देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है। नीरव मोदी ने कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। चोकसी की कंपनियों पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज भी सीबीआई की जांच के दायरे में है। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि नीरव मोदी और चोकसी ने अपनी कंपनियों के जरिए जाली हलफनामों और विदेशी ऋण पत्रों के जरिए दी गारंटी का इस्तेमाल कर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से ऋण लिया जो चुकाया नहीं गया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़