ISRO ने एक और मील का पत्थर पूरा किया, रॉकेट ने शून्य कक्षीय मलबा मिशन पूरा किया

ISRO
प्रतिरूप फोटो
ANI

इसरो ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। इसरो ने बताया कि इसे 21 मार्च को हासिल कर लिया गया था, जब पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल -3 (पीओईएम-3) ने पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के माध्यम से अपने अभियान को पूरा किया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने शून्य कक्षीय मलबा मिशन पूरा कर लिया है और यह देश की अंतरिक्ष एजेंसी की उपलब्धियों के क्रम में ‘‘एक और मील का पत्थर’’ है।

इसरो ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। इसरो ने बताया कि इसे 21 मार्च को हासिल कर लिया गया था, जब पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल -3 (पीओईएम-3) ने पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के माध्यम से अपने अभियान को पूरा किया।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘पीएसएलवी -सी58/एक्सपोसैट मिशन ने व्यावहारिक रूप से कक्षा में शून्य मलबा छोड़ा है।’’ इसरो के अनुसार, सभी उपग्रहों को उनकी वांछित कक्षाओं में स्थापित करने के प्राथमिक मिशन को पूरा करने के बाद, पीएसएलवी के टर्मिनल चरण को 3-अक्ष स्थिर मंच, पीओईएम-3 में बदल दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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