इसरो मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रहा है: सिवन

ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रही है।

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रही है। उन्होंने यहां के निकट एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 16वें दीक्षांत समारोह में कहा कि इसे रॉकेट के हर चरण में उपयोग के लिए अपनाया जा सकता है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव सिवन ने नये स्नातकों को अपने जीवन में सोच समझ कर जोखिम उठाने की सलाह दी क्योंकि ऐसा कर वे ‘पूर्ण विफलता’ से सुरक्षित रह सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने ओमप्रकाश राजभर को बताया समाज का दुश्मन

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि भारत आर्थिक विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है और उसे यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हरित प्रौद्योगिकयों को अपनाकर पर्यावरणीय क्षति को सीमित किया जा सके।’’ हरित प्रणोदक पर सिवन ने कहा, ‘‘रॉकेट प्रणोदन में भी, इसरो अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए हरित प्रणोदक विकसित कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में, सभी प्रणोदन स्तरों पर हरित प्रणोदक को अपनाया जा सकता हैं।’’ उल्लेखनीय है कि प्रणोदन अंतरिक्ष अनुसंधान का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अंतरिक्ष यान और कृत्रिम उपग्रहों की गति तेज करने में मददगार होता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने दिसंबर 2021 तक अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ को प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी। लेकिन इस महीने के शुरू में इसरो ने संकेत दिये कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण इसमें एक वर्ष का विलंब हो सकता है। छात्रों को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘आप विफल हो सकते हैं, लेकिन प्रत्येक विफलता एक उपयोगी सबक सिखाएगी।’’

इसे भी पढ़ें: कोरोना के बावजूद रेलवे अपनी आमदनी से परिचालन व्यय को करेगा पूरा: वीके यादव

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम असफलताओं से सीखते हुए बनाया गया है और प्रत्येक विफलता से हमारी प्रणाली में सुधार हुआ है।’’ केन्द्र द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में जून में घोषित सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पहले ही अंतरिक्ष गतिविधियों में गैर-सरकारी संस्थाओं की अधिक भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अगले पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) प्रक्षेपण में स्टार्ट-अप एजेंसियों के उपग्रह होंगे।’’ इसरो द्वारा 2011 में प्रक्षेपित किए गए एसआरएम उपग्रह ‘एसआरएम सेट’ पर उन्होंने कहा कि यह ‘सही स्थिति‘ में है और उन्होंने विश्वविद्यालय से आगे आकर भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में घोषित किये गये सुधारों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़