कोरोना के बावजूद रेलवे अपनी आमदनी से परिचालन व्यय को करेगा पूरा: वीके यादव

Indian Railway

कोरोना वायरस महामारी के कारण रेलवे को यात्रियों से होने वाली आय इस साल घटकर 87 प्रतिशत घटकर सिर्फ 4,600 करोड़ रुपये रह गयी है जबकि पिछले साल यह 53,000 करोड़ रुपये थी।

नयी दिल्ली। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद रेलवे अपनी आमदनी से परिचालन व्यय को पूरा करेगा। इस साल कोरोना वायरस के प्रसार पर काबू के लिए रेलवे की यात्री सेवाएं अभूतपूर्व स्तर पर कम रहीं। यादव ने साल के अंत में होने वाले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि खर्च पर नियंत्रण के लिए किए गए उपायों और माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से यात्री खंड में हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण रेलवे को यात्रियों से होने वाली आय इस साल घटकर 87 प्रतिशत घटकर सिर्फ 4,600 करोड़ रुपये रह गयी है जबकि पिछले साल यह 53,000 करोड़ रुपये थी। 

इसे भी पढ़ें: गोवा में रेलवे की पटरियों के दोहरीकरण से पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान: प्रमोद सावंत 

यादव ने कहा कि रेलवे को उम्मीद है कि खाद्यान्न और उर्वरकों जैसे गैर-पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में वृद्धि से आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, रेलवे ने इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी कम खर्च किया है। हमने अपने खर्च पर नियंत्रण रखा है और चूंकि कुछ ही ट्रेनें चल रही हैं, इसलिए हम ईंधन और अन्य मदों में बचत कर रहे हैं। कोविड-19 के बावजूद हम अपनी आमदनी से अपने परिचालन व्यय को पूरा करेंगे।’’ यादव ने कहा, ‘‘हमने पिछले साल की माल ढुलाई और माल ढुलाई से होने वाली आय को पार कर लिया है। इसलिए, इस साल माल ढुलाई राजस्व पिछले साल की तुलना में अधिक होगा।’’ 

इसे भी पढ़ें: यात्रियों से होने वाली आय में 87 % की आई कमी, सामान्य ट्रेन सेवाएं बहाल होने के संबंध में तारीख बताना संभव नहीं 

उन्होंने कहा कि इस साल रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धियों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखना, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 60 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाना शामिल है। इसके अलावा चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए रखरखाव और सुरक्षा से जुड़े लंबित कार्यों को पूरा किया गया। बुलेट ट्रेन परियोजना के संबंध में यादव ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को आश्वासन दिया है कि परियोजना के लिए बाकी जमीन अगले चार महीनों में मुहैया करा दी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा हो जाने पर, हम पूरी लाइन पर काम शुरू कर सकते हैं। अगले चार महीनों में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी और फिर आगे के बारे में फैसला किया जाएगा। परियोजना के लिए पहचान की गई 68 प्रतिशत भूमि का अब तक अधिग्रहण हो चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़