2 सितंबर को भारत क्या करने जा रहा है? चांद के बाद अब ISRO ने कर दिया बड़ा ऐलान
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र-इसरो, अहमदाबाद के निदेशक नीलेश एम.देसाई ने गुरुवार को कहा कि आदित्य-एल1 मिशन तैयार है और प्रतीक्षा कर रहा है। आदित्य-एल1 मिशन को इसरो पीएसएलवी रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद, इसरो की नजर बहुप्रतीक्षित आदित्य एल1 मिशन पर है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद इतिहास रचने के एक दिन बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की कि वह 2 सितंबर को आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च करेगा। आदित्य-एल1 मिशन सूर्य का अध्ययन करने के लिए समर्पित है। अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र-इसरो, अहमदाबाद के निदेशक नीलेश एम.देसाई ने गुरुवार को कहा कि आदित्य-एल1 मिशन तैयार है और प्रतीक्षा कर रहा है। आदित्य-एल1 मिशन को इसरो पीएसएलवी रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
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बहुप्रतीक्षित 'आदित्य L1' मिशन पर बोलते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि यह सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है। आदित्य-एल1 भारत का पहला सौर मिशन है जो सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला है। अंतरिक्ष यान प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों का निरीक्षण करने के लिए 7 पेलोड ले जाएगा।
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सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन होगा। इस सोलर मिशन का नाम आदित्य एल 1 है। इसका मकसद करीब से सूर्य का निरीक्षण, इसके वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में स्टडी करना है। इसका ऐलान खुद पीएम मोदी ने किया था। इसकी अहमियत इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सोलर सिस्टम पर पड़ने वाले प्रभाव उपग्रह की कक्षा और उसके जीवन को बाधित कर सकते हैं। अंतरिक्ष के वातावरण को समझने के लिए यह मिशन खास है। भारत पहली बार सूरज पर रिसर्च करने जा रहा है। लेकिन अब तक सूर्य पर कुल 22 मिशन भेजे जा चुके हैं। इन मिशन को पूरा करने वाले देशों में अमेरिका, जर्मनी, यूरोपीयन स्पेस एजेंसी शामिल हैं। सबसे ज्यादा मिशन नासा ने भेजे हैं।
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