इराक में अपहृत भारतीयों का मुद्दा उठा, सरकार से स्पष्टीकरण की मांग

Issue of hijacked Indians in Iraq raised in Rajya Sabha
[email protected] । Jul 19 2017 2:56PM

कांग्रेस के एक सदस्य ने आज दावा किया कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, 39 भारतीयों को मारा जा चुका है और सरकार को इस बारे में तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए।

इराक में तीन साल पहले आतंकी गुट आईएसआईएस द्वारा 40 भारतीयों को अपहृत किए जाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए कांग्रेस के एक सदस्य ने आज दावा किया कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, 39 भारतीयों को मारा जा चुका है और सरकार को इस बारे में तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकी गुट आईएसआईएस ने इराक में तीन साल पहले 40 भारतीयों का अपहरण किया था। इन अपहृत भारतीयों में से 90 फीसदी लोग पंजाब के थे और शेष पश्चिम बंगाल तथा हिमाचल प्रदेश के थे।

बाजवा ने कहा कि इन अपहृत भारतीयों में से एक लड़का उनके गांव गुरदासपुर का था जो किसी तरह बच कर वापस आया और उसने उन्हें बताया कि शेष 39 भारतीयों को उसकी आंखों के सामने गोली मार दी गई। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि इस बारे में जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात की गई तो विदेश मंत्री ने कहा कि सभी भारतीय इराक के मोसुल शहर में हैं और सुरक्षित हैं। बाजवा ने कहा कि अब मोसुल को आईएसआईएस के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है तो फिर ये भारतीय कहां गए। इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्री ने कहा कि इन भारतीयों को इराक से करीब 20 किमी दूर स्थित एक गांव बदरूश में ले जाया गया है। बाजवा ने कहा कि सरकार की विश्वसनीयता का सवाल है इसलिए उसे तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए कि इन भारतीयों का क्या हुआ। क्या इन लोगों को मार डाला गया। उन्होंने विदेश मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह को इराक भेजा है जबकि वह (बाजवा) प्रधानमंत्री से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को इराक भेजने का अनुरोध करते हैं। विभिन्न दलों के सदस्यों ने बाजवा के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

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