मोदी पर इटली से सौदा करने का आरोप लगाना गलतः सरकार

[email protected] । Apr 30 2016 6:00PM

सरकार ने इस आरोप को शुक्रवार रात खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्तावेस्टलैंड मामले पर इटली से एक सौदा किया है। सरकार ने कहा कि मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार है।

सरकार ने इस आरोप को शुक्रवार रात खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्तावेस्टलैंड मामले पर इटली से एक सौदा किया है। सरकार ने कहा कि मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार है और इस पर ध्यान भटकाने का कोई भी दूसरा प्रयास ‘‘गुमराह करने वाला’’ है। सरकार ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र को एक आरोपी से जोड़ने के प्रयासों को भी ‘‘पूरी तरह से निराधार दावा और दुर्भावनापूर्ण इरादे का संकेत’’ करार दिया।

सरकार ने देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘‘जो लोग प्रधानमंत्री को सफल होते नहीं देख सकते हैं वे उन पर एक सौदा करने का संकेत दे रहे हैं। इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह का कोई सौदा नहीं किया है।’’ सरकार ने कहा कि कुछ लोगों ने एक आरोपी को डोभाल और मिश्र से भी जोड़ने का प्रयास किया। उसने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से बेबुनियाद दावा है, इसमें कोई तार्किकता नहीं है और यह बदनाम करने के इरादे का संकेत है। वास्तव में ऐसा कोई संबंध है ही नहीं।’’

बयान में कहा गया है कि यह वास्तव में दुखद है कि भारतीय राजनीति के एक छोटे से वर्ग ने इस मामले पर सार्वजनिक चर्चा का ध्यान भटकाने और उसे शांत करने का ‘‘असफल’’ प्रयास किया है। सरकार ने बयान में कहा कि वे सरकार की प्रक्रियाओं की गति पर सवाल करते हैं विशेष तौर पर जांच लेकिन वे यह नहीं पूछते कि भ्रष्टों ने पहले कैसे खरीद प्रक्रिया को प्रभावित किया और देश को नुकसान पहुंचाया। उसने कहा, ‘‘वे भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं करते, इसके बजाय वे निर्भीकता से कहते हैं कि ‘यदि पकड़ सकते हो तो हमें पकड़ो।’ उसने कहा कि सरकार ने सच्चाई बाहर लाने के लिए प्रभावी कदम उठाया है और इस मामले में भ्रष्टों और गलत करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। सरकार ने कहा, ‘‘जांच एजेंसियां इस पाप के प्रमुख अपराधियों को देश के भीतर और बाहर दोनों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद से संबंधित मामले में निर्विवाद रूप से मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार, खासकर घूस का है। उसने कहा, ‘‘किसी तरह का आकलन, संपर्क या प्रयास गुमराह करने वाला है और यह गलत करने वालों को बचाने की कोशिश है और खुद के बचाव की मंशा से किया गया है।’’ राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों की ओर से हेलीकॉप्टर खरीदे जाने से जुड़े विपक्ष के आरोपों पर सरकार ने कहा कि केंद्र जवाब मांगने में अतिसक्रिय रहा है। उसने कहा, ‘‘उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि कैग ने छत्तीसगढ़ सरकार को अभ्यारोपित किया था? सरकार राज्य सरकारों से जवाब मांगने में अतिसक्रिय रही है। छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार के अनुसार राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति ने कैग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया और अधिकारियों के सबूत भी लिए। अधिकारियों के सबूत और राज्य सरकार की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद पीएसी ने मामले को बंद कर दिया।’’

बयान में कहा गया है कि इसी तरह से राजस्थान सरकार के मुताबिक कैग के अनुसार सरकारी खजाने को कथित नुकसान खरीद की प्रक्रिया में किसी अनियिमतता के कारण नहीं हुआ, बल्कि योजना की कमी और खरीद के लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे के अभाव के चलते ऐसा हुआ।

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