जंग अभी ख़त्म नहीं हुई, लड़कियों की हॉकी टीम कांस्य पदक जीतेगी

Rana Sodhi

टोक्यो ओलंपिक में लड़कियों के हॉकी के सेमीफाइनल मैच में विश्व की नंबर 2 टीम अर्जेंटीना से भारतीय हॉकी टीम की 2-1 से हार पर पंजाब के खेल और युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने आज कहा कि जंग अभी ख़त्म नहीं हुई।

पंजाब की प्रमुख खबरें

जंग अभी ख़त्म नहीं हुई, लड़कियों की हॉकी टीम कांस्य पदक जीतेगी : राणा सोढी

चंडीगढ़, 4 अगस्तःटोक्यो ओलंपिक में लड़कियों के हॉकी के सेमीफाइनल मैच में विश्व की नंबर 2 टीम अर्जेंटीना से भारतीय हॉकी टीम की 2-1 से हार पर पंजाब के खेल और युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने आज कहा कि जंग अभी ख़त्म नहीं हुई।राणा सोढी ने कहा कि हम 6 अगस्त को बर्तानिया के विरुद्ध होने वाले मैच में कांस्य पदक ज़रूर जीतेंगे। उन्होंने अपने टवीट में कहा, ‘‘अभी जंग ख़त्म नहीं हुई। आपने शानदार प्रदर्शन किया है। टोक्यो ओलंपिकस में पहला सेमीफाइनल खेलने का तजुर्बा और बढ़िया अनुभव हासिल कर रहे हो। भारत को आप पर गर्व है और सभी आपको प्रोत्साहन दे रहे हैं। कांस्य पदक के लिए खेलने के लिए शुभकामनाएं।’’ उन्होंने कहा कि विश्व की नंबर -2 टीम को आधे समय तक बराबरी के स्कोर के साथ रोके रखना आसान नहीं था। हमारी लड़कियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और वह पहले ही इतिहास रच चुकी हैं। खेल मंत्री ने कहा कि अब भारत को पुरुष और महिला हॉकी टीमों से कांस्य पदक की उम्मीद है।

पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा जाली जाति प्रमाणपत्रों की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम गठित

चंडीगढ़ 04 अगस्तः पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा जाली जाति प्रमाणपत्रों संबंधी प्राप्त हो रही शिकायतों के मद्देनज़र जाली प्रमाणपत्रों की जांच करने के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग श्रीमती तेजिन्दर कौर ने बताया कि आयोग के पास बड़े स्तर पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि पंजाब राज्य में सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा आरक्षण पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं का जाली प्रमाणपत्र के आधार पर लाभ लेकर असली अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों का अधिकार छीना जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि इस संबंधी कार्यवाही करने के लिए डायरेक्टर सामाजिक न्याय अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग को भेजी गई परंतु विभाग को इस संबंधी की गई कार्यवाही बारे कोई भी रिपोर्ट आयोग को प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से सामान्य वर्ग के व्यक्तियों द्वारा जाली प्रमाणपत्र के आधार पर अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित नौकरियाँ भी हासिल कर ली गई हैं। जिनके बारे में भी उक्त विभाग द्वारा भेजी गई शिकायतों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।  श्रीमती तेजिन्दर कौर ने कहा कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए एक 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जिसमें अनुसूचित जाति आयोग के ग़ैर सरकारी सदस्य श्री ज्ञान चंद, श्री प्रभदयाल और श्रीमती परमजीत कौर को शामिल किया गया है। इसके अलावा जिस ज़िले से संबंधी शिकायत प्राप्त होगी उस ज़िले का इंचार्ज ग़ैर-सरकारी सदस्य भी इस समिति का सदस्य होगा। यह समिति शिकायत की जांच करने के उपरांत कार्यवाही हेतु पंजाब सरकार को सिफारिश करेगी।

पंजाब में नवजात बच्चों को दूध पिलाने की फीसदी 30 से बढ़कर 80 फीसदी के पार 

चंडीगढ़, 4 अगस्तः पंजाब सरकार जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य संभाल प्रोग्राम के अंतर्गत नवजात बच्चों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर यत्न कर रही है और अब एच.एम.आई.एस. (हैल्थ मैनेजमेंट इन्फर्मेशन सिस्टम) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पंजाब में जन्म के समय बच्चों को माता का दूध पिलाने का फीसद 30.7 (एन.एफ.एच.एस. -4 के आंकड़ों से 2015 -16 अनुसार) से बढ़कर 81.7 फीसद हो गया। यह प्रगटावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज ‘विश्व ब्रैस्टफीडिंग’ सप्ताह सम्बन्धी चलाई जागरूकता मुहिम के बारे एक पोस्टर जारी करते हुये किया।

स. सिद्धू ने कहा कि नवजात बच्चों को माता का दूध पिलाने के लाभ संबंधी लोगों में जागरूकता फैलाने और इस सम्बन्धी तथ्य रहित धारणाओं या रुकावटों को दूर करने के लिए एक व्यापक जागरूकता मुहिम चलाई गई है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य 100 प्रतिशत नवजात बच्चों को माता का दूध पिलाना है क्योंकि माता का दूध किसी भी संक्रमण के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रभावशाली होता है और यह माता से ऐंटीबॉडीज़ को सीधे बच्चों में तबदील करके प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है।

‘विश्व ब्रैस्ट फीडिंग’ सप्ताह की महत्ता को दर्शाते हुये स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) के डायरैक्टर डा. अंदेश कंग ने कहा कि हर साल 1 से 7 अगस्त तक विश्व ब्रैस्ट फीडिंग सप्ताह (डब्ल्यू.बी.डब्ल्यू.) मनाया जाता है जिससे जन्म के उपरांत बच्चों को माता का दूध पिलाने की तुरंत शुरूआत पर कार्यवाही को उत्साहित करने के लिए एक विश्वव्यापी मुहिम शुरु की जा सके। इस साल ‘विश्व ब्रैस्ट फीडिंग’ सप्ताह का विषय : ‘प्रोटेक्ट ब्रैस्टफीडिंग : ए शेअर्ड रिस्पाँसीबिलटी’ है। इस विषय का मंतव्य बच्चों को माता का दूध पिलाना और इसको उत्साहित करना है क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित करना हमारी ज़िम्मेदारी है।

डा. कंग ने आगे महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुये बताया कि नवजात बच्चों को माता का दूध पिलाने और 2 साल या इससे अधिक उम्र तक लगातार माता का दूध पिलाने से न सिर्फ़ नवजात बच्चों, छोटे बच्चों बल्कि माताओं को भी बहुत लाभ होते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड होने की सूरत में भी हिदायतों की पालना करते हुये माता की तरफ से बच्चों को दूध पिलाना अति लाज़िमी है। उन्होंने माता के दूध के अन्य विकल्पों, कमर्शियल फ़ार्मूला फूडज़ आदि के प्रचार से बचने पर भी ज़ोर दिया। विश्व बै्रस्टफीडिंग सप्ताह के दौरान बोतल के साथ दूध पिलाने को रोकने सम्बन्धी भी जागरूकता प्रदान की जायेगी।

स्वास्थ्य मंत्री के सलाहकार डा. प्रभदीप कौर जौहल ने बताया कि बच्चों को माता का दूध पिलाते समय महिलाओं की निजता यकीनी बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य सहूलतें देने के लिए एक विशेष कमरा/जगह भी रखी गई है।

इस सम्बन्धी अन्य जानकारी देते हुए प्रोग्राम अधिकारी डा. इन्द्रदीप कौर ने कहा कि विश्व बै्रस्टफीडिंग सप्ताह - 2021 का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में नवजात बच्चों को दूध पिलाने के रुझान को बढ़ाने के लिए मौके प्रदान करना और ज़रुरी यत्न करना है। हमने साधारण प्रसूतियों में (एक घंटे के अंदर) और सी-सैक्शन (दो घंटों के अंदर) के दौरान माता का दूध पिलाने की शुरुआत को यकीनी बनाने के लिए यत्न किये हैं। इसके इलावा कम्युनिटी और अस्पताल स्तर पर 6 महीनों की उम्र तक कोलोस्ट्रम फीडिंग को उत्साहित करने और 2 साल और इससे अधिक उम्र के बच्चों को भी माता का दूध पिलाने पर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़