जबलपुर कलेक्टर की बड़ी कार्यवाही, नवजीवन रिहैबिलेशन सेंटर की मान्यता हुई निरस्त
करूणा नवजीवन रिहैबिलिटेशन सेंटर में अनाथ बच्चों को जबरन ईसाई धर्म की प्रार्थनाएं और बाइबिल पढ़ाया जा रहा था। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद ये निर्णय लिया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अनाथ और गरीब बच्चों की मदद के नाम पर धर्मातरण का खेल कर रहे नवजीवन रिहैबिलेशन सेंटर की मान्यता निरस्त कर दी गई।
करूणा नवजीवन रिहैबिलिटेशन सेंटर में अनाथ बच्चों को जबरन ईसाई धर्म की प्रार्थनाएं और बाइबिल पढ़ाया जा रहा था। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद ये निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली की टीम एवं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य देवेंद्र मोरे की अगुवाई में 18 नवंबर को इस सेंटर का निरीक्षण किया गया था। जांच में बहुत सी अनियमितताएं मिली थीं।
आयोग के बाद आयुक्त ने 15 दिसंबर को संस्था नवजीवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण रिपोर्ट में संस्था में मिली अनियमितताओं और संस्था की मान्यता के लिए जरूरी शर्तो का उल्लंघन मिलने पर पंजीयन प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की अनुशंसा की थी।
जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने करुणा नवजीवन रिहैबिलेशन सेंटर की मान्यता निरस्त होने के बाद वहां रह गए 07 मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को उज्जैन स्थित सेवाधाम आश्रम अम्बोदिया ग्राम गंभीर डेम के पास शिफ्ट करने का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि अनाथ बच्चों को बिना शासन की अनुमति के बिना इस संस्था में रखा गया। संस्था के मैनेजर अभिनव के मुताबिक उनके द्वारा शासन से लगातार पंजीयन के लिए पत्राचार किया गया लेकिन अनुमति नहीं मिली।
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