जम्मू-कश्मीर सरकार ने 'झूठे विमर्श और अलगाववाद' के प्रचार के लिए 25 पुस्तकों पर लगाया प्रतिबंध, अरुंधति रॉय की 'आजादी' भी शामिल

जम्मू-कश्मीर सरकार ने झूठे विमर्शों को बढ़ावा देने और आतंकवाद का महिमामंडन करने के लिए बुधवार को मौलाना मौदादी, अरुंधति रॉय, ए जी नूरानी, विक्टोरिया स्कोफील्ड और डेविड देवदास जैसे प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों समेत 25 पुस्तकों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया।
बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय और संवैधानिक विशेषज्ञ ए.जी. नूरानी की किताबें उन 25 किताबों में शामिल हैं जिन पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में कथित तौर पर "झूठी कहानी" और "अलगाववाद" फैलाने के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इन किताबों को जब्त करने का भी आदेश दिया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने झूठे विमर्शों को बढ़ावा देने और आतंकवाद का महिमामंडन करने के लिए बुधवार को मौलाना मौदादी, अरुंधति रॉय, ए जी नूरानी, विक्टोरिया स्कोफील्ड और डेविड देवदास जैसे प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों समेत 25 पुस्तकों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिया। गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ साहित्य जम्मू-कश्मीर में झूठे विमर्शों और अलगाववाद का प्रचार करते हैं।
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बयान में कहा गया है कि जांच और विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित उपलब्ध साक्ष्य स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि हिंसा और आतंकवाद में युवाओं की भागीदारी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक झूठे विमर्शों और अलगाववादी साहित्य का व्यवस्थित प्रसार रहा है, जो अक्सर ऐतिहासिक या राजनीतिक टिप्पणी के रूप में आंतरिक रूप से प्रसारित होता रहता है। आदेश में कहा गया है ऐसा साहित्य भारत के खिलाफ युवाओं को गुमराह करने, आतंकवाद का महिमामंडन करने और हिंसा भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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जिन पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें इस्लामिक विद्वान और जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक मौलाना मौदादी की अल जिहादुल फिल इस्लाम , ऑस्ट्रेलियाई लेखक क्रिस्टोफर स्नेडेन की इंडिपेंडेंट कश्मीर , डेविड देवदास की इन सर्च ऑफ ए फ्यूचर , विक्टोरिया स्कोफील्ड की कश्मीर इन कॉन्फ्लिक्ट , एजी नूरानी की ‘कश्मीर डिस्प्यूट’ (1947-2012) और अरुंधति रॉय की आजादी शामिल हैं।
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